हल्द्वानी - शहर की सड़कों पर जल्द दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक और CNG बसें, इतनी नई बसें दौड़ाने के लिए बजट देगा ADB 

 | 
हल्द्वानी - शहर की सड़कों पर जल्द दौड़ेंगी इलेक्ट्रिक और CNG बसें, इतनी नई बसें दौड़ाने के लिए बजट देगा ADB 

हल्द्वानी - नैनीताल रोड और कालाढूंगी रोड के चौड़ीकरण के बाद हल्द्वानी की सड़कों पर जल्द ही इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें नजर आ सकती हैं। शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) 40 नई बसों के लिए बजट उपलब्ध कराने को तैयार है। हालांकि इन बसों के संचालन और रखरखाव की जिम्मेदारी किस विभाग को दी जाएगी, इसे लेकर अभी मंथन चल रहा है।

बसों के संचालन की जिम्मेदारी परिवहन विभाग, परिवहन निगम, जिला प्रशासन या किसी अन्य सक्षम संस्था को सौंपे जाने पर विचार किया जा रहा है। जिम्मेदारी तय होने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यूयूएसडीए के परियोजना प्रबंधक कुलदीप सिंह ने बताया कि एडीबी बसें देने को सहमत है, लेकिन संचालन मॉडल को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।

गौरतलब है कि दिसंबर 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हल्द्वानी में आयोजित रैली के दौरान शहर के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की थी। इस राशि से शहर में सीवर और पेयजल लाइनों का जाल बिछाया जा रहा है। साथ ही तहसील के पुराने भवन को ध्वस्त कर ‘नमो भवन’ के निर्माण की प्रक्रिया भी टेंडर चरण में पहुंच चुकी है। इस बहुउद्देश्यीय भवन में तहसील, एसडीएम कार्यालय, रजिस्ट्री कार्यालय, बड़ा सभागार, पुस्तकालय, पार्किंग और सिटी बस स्टैंड की सुविधाएं होंगी।

इसके अलावा नैनीताल रोड और कालाढूंगी रोड के चौड़ीकरण व सुंदरीकरण के साथ यूटिलिटी डक्ट का निर्माण भी प्रस्तावित है। यूटिलिटी डक्ट बनने से भविष्य में सड़कों को बार-बार खोदने की समस्या से राहत मिलेगी।

देहरादून मॉडल पर नजर - 
राजधानी देहरादून में स्मार्ट सिटी योजना के तहत ई-बसों का संचालन किया जा रहा है। इसके लिए परिवहन विभाग ने देहरादून सिटी ट्रांसपोर्ट का गठन किया है, जिससे इलेक्ट्रिक बसों के संचालन में सहूलियत मिल रही है। हल्द्वानी में भी इसी तरह के मॉडल को अपनाने पर विचार हो सकता है।

सिटी बस सेवा नहीं पकड़ सकी रफ्तार - 
उल्लेखनीय है कि अक्टूबर में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की मंजूरी के बाद परिवहन विभाग ने लोकल रूटों पर सिटी बस सेवा शुरू की थी, लेकिन यह योजना अपेक्षित सफलता हासिल नहीं कर सकी। शहर में बढ़ते जाम, बस स्टॉप पर सुविधाओं की कमी और समय-सारिणी की पर्याप्त जानकारी न होने के कारण यात्रियों की संख्या कम रही। अब नई ई-बस और सीएनजी बसों के जरिए शहर की यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाने की उम्मीद की जा रही है।

WhatsApp Group Join Now