Kumaon News - कुख्यात अंडरवर्ल्ड डॉन प्रकाश पांडे उर्फ PP ने लिया संन्यास, जेल में दिलाई दीक्षा, बना योगी प्रकाशनाथ 

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Underworld Don PP - जरायम की दुनिया का कुख्यात अपराधी प्रकाश पांडे उर्फ़ बंटी पांडे पीपी ने संन्यास ले लिया है, अब वह आध्यात्म की और जाकर अपने मन को शांत करने की कोशिश कर रहा है. बीते 17 मार्च को उसने अल्मोड़ा जेल प्रशासन को पत्र लिखकर जीवन में किए अपराधों पर पश्चाताप कर संन्यासी बनने की अनुमति मांगी थी। 


काठमांडू के नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज का दावा है कि उन्होंने दो महीने पहले अल्मोड़ा जेल के अंदर जेल प्रशासन की निगरानी में प्रकाश पांडे को संन्यास की दीक्षा दिलाई। भगवा वस्त्र व कंठा भी पहनाया। दंडीनाथ ने अपने एक्स पर भी इसकी जानकारी साझा की है। इधर नाथ संप्रदाय के आचार्य दंडीनाथ महाराज ने फोन पर हुई बात में दावा किया कि 28 मार्च को हर्षण योग युक्त अमृत वेला में जिला जेल पीपी की संन्यास दीक्षा संपन्न हुई। इस दौरान पीपी को भगवा वस्त्र व कंठा धारण कराया गया।

जरायम की दुनिया में कदम रखने के बाद पीपी ने नैनीताल, अल्मोड़ा, हल्द्वानी व रानीखेत में अवैध शराब, लीसा तस्करी की थी। अवैध कामों में कमाई बढ़ी तो पीपी का दुस्साहस भी बढ़ता चला गया। मुंबई में रहकर वह डान बनना चाहता था। 90 के दशक में वह मुंबई पहुंच गया। यह वह दौर था, जब देश बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद फैली सांप्रदायिक हिंसा की आग में जल रहा था।


2010 में वियतनाम से गिरफ्तार हो गया था पीपी - 
इस बीच मुंबई में ब्लास्ट हुए, जिसका जिम्मेदार दाउद को बताया गया। जब दाऊद व छोटा राजन अलग हो गए थे। इसी बीच प्रकाश पांडे उर्फ पीपी की मुलाकात छोटा राजन से हुई और उसके डान बनने का सफर शुरू हो गया था। वर्ष 2010 में पीपी वियतनाम से गिरफ्तार हो गया था। सितारगंज, पौड़ी आदि के बाद वह अल्मोड़ा जेल में बंद है।


बन गया योगी प्रकाशनाथ - 
दीक्षा लेने के बाद वह योगी प्रकाशनाथ बन गया। सारे अनुष्ठान जेल प्रशासन की निगरानी में हुए। आचार्य दंडीनाथ महाराज ने इसकी जानकारी अपने एक्स पर भी साझा की है, जिसमें एक फोटो में पशुपति शरणागति परिचय पत्र लिखा है। योगी बने प्रकाशनाथ की भगवा वस्त्र में फोटो भी है। उनके एक्स पर 286 फालोअर हैं। 272 लोगों को उन्होंने फालो किया है। यह आइडी दंडीनाथ महाराज ही हैंडल कर रहे हैं, इसकी पुष्टि नहीं करते हैं.

"डीआइजी जेल दधिराम मौर्य ने बताया की जेल के अंदर पूजा अनुष्ठान हो सकता है। पीपी भले ही संन्यासी बन गया हो, लेकिन उसे जेल से बाहर पूजा की कोई अनुमति नहीं दी गई है, वह जेल में ही रहेगा।"
 

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