IAS Vandana Singh - कभी आईएएस अधिकारी बनने के लिए पिता से लड़ी थीं जिलाधिकारी वंदना, अब देश भर में हो गयीं हिट 

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Uttarakhand IAS Officer Vandana Singh Chauhan - हल्द्वानी शहर में हुई एक हिंसक घटना (Haldwnai Violence) के बाद इस समय देश में सबसे ज्यादा चर्चाओं में आयीं नैनीताल की डीएम (IAS Vandana Singh Chauhan) हैं. जिलाधिकारी वंदना हल्द्वानी के बनभूलपुरा (Banbhulpura Haldwani Riots) में हुई एक हिंसक घटना के बाद इस समय देश में सबसे ज्यादा चर्चित बनी हुई हैं। 


कौन हैं आईएएस अधिकारी वंदना सिंह चौहान -  (Who is Nainital District Magistrate Vandana Singh?)

वंदना सिंह नैनीताल की 48 वीं और जिले की पांचवीं महिला जिलाधिकारी हैं। 4 अप्रैल सन 1989 को हरियाणा के नसरुल्लागढ़ गांव में जन्मीं वंदना के परिवार में लड़कियों को पढ़ाने का चलन नहीं था. लेकिन आईएएस वंदना सिंह को तो कुछ हटकर करना था. उनका एक ही सपना था और आगे चलकर आईएएस अधिकारी बनाना चाहती थीं. जब उनके पिता महिपाल सिंह चौहान ने बेटी वंदना की तरफ पढाई में कोई ध्यान नहीं दिया, तो एक दिन डीएम वंदना के सब्र का बांध टूट ही गया. उन्होंने अपने पिता से गुस्से में आकर कह दिया कि मैं लड़की हूं, इसलिए आप मुझे पढ़ने से रोक रहे हैं।


बेटी की बात सुन पिता ने लिया बड़ा फैसला - 
यह बात सुनकर पिता महिपाल सिंह का दिल पसीज गया. डीएम वंदना की यह बात पिता को इस कदर चुभी कि उन्होंने अपनी बेटी वंदना का एडमिशन उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद स्थित एक गुरुकुल में करवा दिया, हालांकि वंदना की पढ़ाई को लेकर उनके दादा, ताऊ और चाचा समेत परिवार के अधिकांश सदस्य उनके पिता महिपाल सिंह के फैसले के खिलाफ थे, लेकिन अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के आड़े, जिलाधिकारी आईएएस वंदना ने कभी किसी को आने ही नहीं दिया.


हिंदी मीडियम से पढ़ी हैं IAS वंदना - 
आईएएस वंदना हिंदी मीडियम से पढ़ी हैं. 12वीं की परीक्षा उत्त्तीर्ण करने के बाद वंदना ने घर पर रहकर (UPSC) की तैयारी शुरू कर दी. इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी करने के बाद, डीएम वंदना ने बी.आर अंबेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में एलएलबी के लिए दाखिला लिया. लॉ की पढाई के साथ उन्होंने UPSC की तैयारी को नहीं छोड़ा, अपनी कठिन मेहनत से हिंदी मीडियम स्कूल से पढ़ी वंदना सिंह ने महज 24 साल उम्र में देशभर में "आठवीं रैंक" के साथ यूपीएससी (UPSC Exam) की परीक्षा में झंडे गाड़ दिए. परिवार के जो लोग वंदना की पढाई के खिलाफ थे, वह भी समय के साथ अब सपोर्ट में खड़े हो गए। 


UPSC क्रैक करने के बाद मिला उत्तराखंड कैडर - 
संघ लोक सेवा आयोग UPSC में चयन होने के बाद साल 2012 बैच की आईएएस वंदना सिंह चौहान को उत्तराखंड कैडर मिला। उनकी पहली पोस्टिंग पिथौरागढ़ की मुख्य विकास अधिकारी (First Women CDO Of Pithoragarh Distric) तौर पर हुई. 10 अक्टूबर 2017 में वह जिले की पहली महिला सीडीओ बनी, और 22 मई 2020 तक उनकी तैनाती पिथौरागढ़ में रहीं। इस दौरान उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी रहीं।


पहली बार रुद्रप्रयाग जिलाधिकारी बनीं वंदना  - 
वर्ष 2020 में उन्हें पहली बार रुद्रप्रयाग का डीएम (District Magistrate Rudraprayag Vandana Singh) बनाया गया। कुछ ही दिनों के बाद उन्हें शासन के कार्मिक विभाग में अटैच किया गया। इसके बाद 12 नवंबर को 2020 को वंदना सिंह को केएमवीएन कुमाऊँ मंडल विकास निगम का एमडी बनाया गया। इस पद पर नियुक्ति न लेने के बाद उन्हें रूरल डेवलपमेंट डिपार्टमेंट (ग्राम्य विकास विभाग) में अपर सचिव बनाया गया। वर्ष 2021 में उन्हें अल्मोड़ा जिले का जिलाधिकारी (Almora District Magistrate Vandana Singh) नियुक्त किया गया। 17 मई 2023 को नैनीताल (Nainital DM) की कमान संभालने के बाद जिले की 48वीं डीएम हैं।


उत्तराखंड के सख्त अधिकारियों के रूप में होती है गिनती - 
वंदना सिंह को उत्तराखंड के तेज तरार आईएएस अधिकारियों में गिना जाता है, इसका अंदाजा हम हल्द्वानी में हुई हिंसा के बाद लगा सकते हैं बनभूलपुरा में अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान जब हालात बेकाबू हो गए और दंगाई बेकसूर लोगों की जान लेने पर उतारू हो गए तो, डीएम वंदना सिंह ने तुरंत गोली चलाने के आदेश दे डाले थे। 


अतिक्रमण पर जिले में लगातार कर रही हैं कार्यवाही - 
नैनीताल की डीएम बनने के बाद जिलाधिकारी वंदना सिंह लगातार अवैध अतिक्रमणों पर प्रहार रही हैं। नैनीताल में अपने कार्यकाल के दौरान डीएम ने शत्रु संपत्ति मेट्रोपोल और बीडी पांडे अस्पताल की जमीनों को अतिक्रमण मुक्त करवाया है। सरकार के निर्देश पर हल्द्वानी के बनभुलपुरा में हुई कार्रवाई के बाद अब वंदना सिंह इंटरनेट मीडिया पॉपुलर हो गई हैं। 


अतिक्रमण हटाने पर पूर्व जिलाधिकारी का मिला साथ - 
अतिक्रमण हटाने पर जब लोग IAS वंदना सिंह हो देश दुनिया से ट्रोल करने लगे तो साल 1992 - 93 में नैनीताल के पूर्व जिलाधिकारी रहे IAS सूर्य प्रताप सिंह भी आईएएस वंदना सिंह के समर्थन में उतर आये, उन्होंने अपने x हैंडल में लिखा - मैं भी जब नैनीताल का जिलाधिकारी था, तब हल्द्वानी में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया था, तब बहुत जनसमर्थन मिला था. लेकिन हल्द्वानी में अराजक तत्वों द्वारा सरकारी ज़मीन पर कब्जा कर धार्मिक स्थल बनाना आम बात है, जिन्हें पूर्व की सरकारों में संरक्षण मिलता था। उन्होंने लिखा नैनीताल की वर्तमान DM वंदना सिंह ने बनभूलपुरा क्षेत्र में अवैध क़ब्ज़े हटाकर बहुत बहादुरी का परिचय दिया है। उन्होंने आगे लिखा वंदना सिंह के विरुद्ध कुछ लोग ट्रेंड चलाकर उन्हें हतोत्साहित करना चाह रहे हैं, उनसे डरना नहीं है। IAS सूर्य प्रताप सिंह बारे में भी कहा जाता था वह सरकारी जमीनों पर हुए अतिक्रमण पर सख्त थे तब उन्होंने कई सत्ता में बैठे राजनेताओं के होटलों पर बुलडोज़र की नोंक लगा दी थी, हालाँकि इसी वजह से उनका कई बार टट्रांसफर भी हुए. 


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