Haldwani Violence - गिरफ़्तारी से पहले अब्दुल मलिक ने खूब छुड़ाए पुलिस के पसीने, छह राज्यों में इतने हजार किलोमीटर भागा 

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Haldwani Violence - हल्द्वानी हिंसा के मोस्टवांटेड अब्दुल मलिक ने गिरफ्त में आने से पहले पुलिस को जमकर छकाया। पुलिस से बचने के लिए अब्दुल मलिक करीब 5798 किलोमीटर भागा था। वह 16 दिन में छह राज्यों में गया। अब्दुल मलिक को पकड़ने के लिए पुलिस ने शुरू में छह टीम लगाई थीं, जो दिल्ली और पश्चिमी उत्तरप्रदेश में ही मलिक को ढूंढ़ती रहीं। मलिक जब पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ा तो पुलिस ने अपने दायरे को अन्य राज्यों में फैलाया। एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने टीमों की संख्या घटाकर तीन कर दी। इनमें एक टीम को दिल्ली से चंडीगढ़, दूसरी टीम को गुजरात से मुंबई और तीसरी टीम को दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों की निगरानी में लगाया। 


पुलिस के हिसाब से वह करीब 5798 किलोमीटर भागा - 
पुलिस सूत्रों के अनुसार, जैसे ही टीम अब्दुल मलिक के ठिकानों पर पहुंचती तो वह उससे पहले ही भाग निकलता। वह एक जगह एक रात से अधिक नहीं रुक रहा था। वह हर रात अपना ठिकाना बदलता रहा। किसी भी दिन वह होटल में नहीं रुका। वह लगातार अपने करीबियों या अपनी प्रापर्टी में ही रुकता था। गुजरात में वह पुलिस के हाथ आने से आधा घंटा पहले ही निकल गया था। बताया जा रहा है कि अब्दुल मलिक छह फरवरी को देहरादून में था। इसके बाद दिल्ली था। पुलिस के हिसाब से वह करीब 5798 किलोमीटर भागा। वहीं पुलिस उसके पीछे करीब 12 हजार किलोमीटर दौड़ी। इसके बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर उसे दिल्ली से पकड़ लिया।


16 दिनों में मलिक की भागमभाग - 
हल्द्वानी से देहरादून - 300 
देहरादून - दिल्ली - 280 
दिल्ली - गुजरात - 1126 
गुजरात - मुंबई -  619 
मुंबई - चंडीगढ़ - 1601 
चंडीगढ़ - भोपाल - 1042 
भोपाल -  दिल्ली - 790 


तकनीक हुई फेल, मुखबिर की सूचना आई काम - 
साइबर युग में पुलिस हाईटेक हो चुकी है, तकनीक का दंभ भरने वाली पुलिस बेदम दिखी, अब्दुल मलिक के सामने तकनीक फेल नजर आई। शातिर अब्दुल मलिक ने 16 दिन तक मोबाइल का इस्तेमाल नहीं किया। उसने इन 16 दिन में अकाउंट, एटीएम और अन्य तकनीक से पैसा नहीं निकाला। पुलिस मुखबिर की सूचना पर 16 दिन बाद अब्दुल मलिक को दिल्ली से गिरफ्तार कर पाई। आठ फरवरी को जब बनभूलपुरा में उपद्रव हुआ तो पुलिस ने उसका मास्टरमाइंड अब्दुल मलिक को बताया। उसके बेटे को भी घटना में नामजद किया गया। उस पर हिंसा भड़काने, लोगों को उकसाने सहित कई धाराओं में मुकदमे दर्ज किए गए।  


नौ फरवरी से पुलिस का साइबर सेल सक्रिय हुआ। सेल ने अब्दुल मलिक के फोन नंबरों को सर्विलास पर लगाया। फोन की सीडीआर निकाली गई। मलिक ने किस-किस को फोन किया, इसका पूरा पता कराया गया। पुलिस सूत्र बताते हैं कि इनमें से कुछ अन्य लोगों के नंबर भी सर्विलांस पर लगाए गए, जिनसे मलिक पूर्व में बातें करता था। उसके बेटे और उसकी पत्नी का फोन भी सर्विलांस पर लगाया गया लेकिन पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। पुलिस का साइबर तंत्र पूरी तरह फेल साबित हुआ। 

 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब्दुल मलिक इतना शातिर है कि न तो वह अपना वाहन इस्तेमाल कर रहा था और न ही मोबाइल फोन। उसने एक बार भी अपने मोबाइल का प्रयोग नहीं किया। जब पुलिस अब्दुल उसे ढूंढते-ढूंढते थक गई तो पुलिस ने मुखबिरों को सक्रिय किया। मुखबिरों को कई जगह भेजा गया। मुखबिर की सूचना पर शुक्रवार को एसओजी दिल्ली गई। दिल्ली से पुलिस की टीम उसे पकड़कर शनिवार दोपहर हल्द्वानी पहुंची। इसके बाद एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा ने उससे पूछताछ की। तब देर शाम खुलासा किया।

जमानत अर्जी पर लिखे पते से पुलिस के दिल्ली पहुंचने की चर्चा - 
शनिवार को तीन अधिवक्ताओं की ओर से हल्द्वानी सेशन कोर्ट में मलिक की अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई। इसमें पांच पेज की बेल एप्लीकेशन, छह बेल शपथपत्र, तीन पेज की स्टे एप्लीकेशन, स्टे एप्लीकेशन के 10 शपथ पत्र और 11 पेज का वकालतनामा कोर्ट में पेश किया गया था। 27 फरवरी को कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की तारीख दी थी। यह सुनवाई एडीजे कोर्ट प्रथम में होनी थी। शनिवार की दोपहर जमानत अर्जी दाखिल हुई और शाम तक अब्दुल मलिक की गिरफ्तारी की बात सामने आ गई। अग्रिम जमानत याचिका में मलिक के स्थायी पते के साथ-साथ उसका वर्तमान पता भी डाला गया था। सूत्र बताते हैं कि इस पते से ही दिल्ली में मौजूद टीम ने उस पते से अब्दुल मलिक को धर दबोचा। अब्दुल मलिक के पकड़े जाने की सूचना भी सबसे पहले अब्दुल मलिक के वकीलों की तरफ से आई। शाम को पुलिस ने भी इसकी पुष्टि कर दी। हालांकि पुलिस ने अब्दुल मलिक को दिल्ली कहां से गिरफ्तार किया है अभी तक इसकी जानकारी नहीं दी गई है।

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