हल्द्वानी - सपनों में दिए थे मां शीतला ने दर्शन, जमीन में गढ़ गई थी मूर्ति, मंदिर से जुड़ा रहस्य कर देगा हैरान 
 

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Maa Sheetla Mandir Kathgodam : नवरात्री में मां दुर्गा को कई रूपों में पूजा जाता है, उन्हीं में एक नाम आता है माता शीतला देवी, उत्तराखण्ड़ का एक प्रसिद्ध शीतला देवी मंन्दिर नैनीताल जिले के हल्द्वानी शहर से सात किलोमीटर काठगोदाम स्थित उच्च चोटी पर है. माता शीतला (Sheetla Devi Mandir Ranibagh Kathgodam) माँ दुर्गा का अवतार भी मानी जाती है. इस मंन्दिर में माँ के दर्शन करने के लिए स्थानीय लोग ही नहीं बल्कि दूर-दूर से श्रद्धालु भारी संख्या में आते है.


शीतला मन्दिर का इतिहास - (History Of Maa Sheetla Mandir Ranibagh)
कहा जाता है एक बार भीमताल के पाण्डे लोग बनारस से माता शीतला देवी की मूर्ति लेकर वापस अपने गाँव आ रहे थे, वह अपने गांव भीमताल में इस मूर्ति को स्थापित करना चाहते थे, लेकिन हल्द्वानी से रानीबाग गुलाब घाटी की ओर जब उन्होंने चढ़ाई की तो उन्हें इसी जगह पर उन्हें रात हो गई. कहा जाता है बनारस से माता की मूर्ति को लेकर आ रही टोली ने इसी जगह पर विश्राम किया था. उन्हीं लोगों में से एक व्यक्ति को माता ने रात के सपने में दर्शन दिये और मूर्ति इसी स्थान पर स्थापित करने की बात कहीं. जब उस व्यक्ति ने सुबह अपने साथियों को सपने के बारे में बताया तो उन्हें पहले तो यकीन ही नहीं हुआ लेकिन जब लोगों ने मूर्ति उठाने की कोशिश की तो वह मूर्ति उसी जगह पर गढ़ गई, पर एक इंच भी नहीं हिली, लोग मूर्ति को उठा ही नहीं पाये. इसके बाद पाण्डे लोगों ने मूर्ति को यहीं स्थापना कर दिया. इसीलिए इस मंदिर का हल्द्वानी में काफी महत्त्व माना जाता है.


माँ करती हैं सभी की मुराद पूरी - 
कहा जाता है भक्त मन्दिर में सच्चे मन से मुराद मांगता है, तो माता उसकी मुरादें जरूर पूरी करती हैं. नवरात्रि में यहाँ लाखों की संख्या में लोग कई शहरों से माता के दर्शन के लिए पहुँचते हैं. आज भी नवरात्रियों में माँ के मन्दिर में भक्तों की विशाल भीड़ उमड़ पड़ती है. बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पैदल यात्रा कर पहुँचते हैं. माता शीतला का मन्दिर बहुत आकर्षक मन्दिर हैं. इसके आसपास का वातावरण भी श्रद्धालुओं को काफी मनमोहित करता है. माँ शीतला को चेचक आदि कई रोगों की देवी बताया गया है. यानि यहाँ दर्शन करने से चर्म रोगों से भी छुटकारा मिलता है.


कैसे पहुँचे माता शीतला मन्दिर काठगोदाम - (How to reach Mata Shitala Temple Kathgodam)
शीतला माता मन्दिर हल्द्वानी (Mata Shitala Temple Haldwani) से लगभग 8 किलोमीटर दूर स्थित है. इस दूरी को श्रद्धालु पैदल या वाहन की मदद से तय कर सकते हैं. काठगोदाम रेलवे स्टेशन से यह मंदिर चंद कदम दूर पर है. हल्द्वानी शहर बसों और ट्रेन के माध्यम से प्रदेश के बड़े शहरों से सीधा जुड़ा हुआ है. इसीलिए आप इस मंदिर तक सफर आसानी से कर सकते हैं.

 

(नोट - यह लेख धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है न्यूज़ टुडे नेटवर्क इसकी सत्यता की पृष्टि नहीं करता)

 

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