हल्द्वानी - अधिवक्ता दया सागर बिष्ट को मिलेगा उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड, शिक्षा के साथ उनके समाज सेवा के कार्य बने हैं मिसाल

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हल्द्वानी - अपने - अपने क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त कर समाज को प्रेरित करने वाले लोगों को "उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड 2024" (Uttarakhand Drona Ratna Award 2024) से सम्मानित किया जा रहा है. यह उन लोगों को सम्मान देने का सराहनीय प्रयास है जिन्होंने अपनी कर्मठता से नया मुकाम हासिल कर समाज को दिशा देने का काम किया है. यह कार्यक्रम निश्चित रूप से यादगार होने वाला है, जहां बॉलीवुड और टीवी जगत की प्रसिद्ध हस्तियां लोगों को सम्मानित करेंगी। महाभारत में द्रोणाचार्य का अमर किरदार निभाने वाले सुरेंद्र पाल सिंह और मॉडलिंग और बॉलीवुड स्टार एलिना तनेजा, कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम 22 दिसंबर को शाम 5 बजे से रामनगर में "रिवर हैरिटेज रिसोर्ट" में आयोजित किया जायेगा। "यश इवेंट मैनेजमेंट" द्वारा आयोजित "न्यूज़ टुडे नेटवर्क" इस कार्यक्रम के डिजिटल मीडिया पार्टनर की भूमिका निभा रहा है।  


अधिवक्ता दया सागर बिष्ट को मिलेगा उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड - 
पेशे से अधिवक्ता दया सागर बिष्ट की सोच हमेशा वंचित और निर्धन छात्र- छात्राओं को शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने की रही है। अपनी इस मानवीय सोच के कारण उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में पिछले दो दशकों में कई उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। दया सागर बिष्ट शेमफोर्ड स्कूल के चेयरमैन हैं, इस स्कूल की स्थापना साल 2016 में की थी. और उनकी शिक्षा के प्रति अटूट समर्पण और प्रयासों के चलते उन्हें यूके वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा उत्तराखंड आइकॉन अवार्ड 2020 से सम्मानित किया गया है। दया सागर बिष्ट ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी अलख जगाई है, जिसने न केवल गरीब और वंचित बच्चों के लिए उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है, बल्कि समाज में शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्थापित किया है। उनकी इन्हीं उपलब्धियों और शिक्षा के प्रति उनके अमूल्य योगदान के कारण उन्हें अब उत्तराखंड द्रोणा रत्न अवार्ड से भी सम्मानित किया जाएगा।


शिक्षा के साथ - साथ समाज के कार्यों में भी सक्रिय - 
दयासागर बिष्ट शिक्षा के साथ- साथ सामाजिक कार्यों में भी खासे बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते हैं, उन्होंने टीबी मरीजों के उपचार के लिये भी कदम उठाये हैं टीवी मरीजों के साथ दयासागर बिष्ट हमेशा खड़े रहे उन्होंने हर महीने पांच मरीजों को दो साल तक निःशुल्क राशन भी उपलब्ध करवाया। जिसको देखते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं नैनीताल के सांसद अजय भट्ट ने उन्हें निश्च मित्र की संज्ञा दी हैं। उनकी यह यात्रा निस्संदेह प्रेरणादायक है और आने वाली पीढ़ियों के लिए आदर्श है। ऐसी ही शख्सियतों की प्रेरणादायक कहानियों को हम अपने पाठकों के साथ साझा करते रहेंगे। जिससे आम इंसान भी अपने क्षेत्र में कुछ खास करने के लिए प्रेरित हो सके।  
 

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