हल्द्वानी - भारी बारिश से नानक सागर सहित इन डैमों से बढ़ रहा है खतरा, मुख्य अभियन्ता संजय शुक्ल ने जारी किए यह आदेश 

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हल्द्वानी - भारी बारिश से नानक सागर सहित इन डैमों से बढ़ रहा है खतरा, मुख्य अभियन्ता संजय शुक्ल ने जारी किए यह आदेश

हल्द्वानी/रुद्रपुर/सितारगंज, 2 सितम्बर — लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण जनपद उधमसिंहनगर में स्थित नानक सागर, बैगुल और ढौरा जलाशयों का जलस्तर तेजी से बढ़ता जा रहा है। इन जलाशयों का नियंत्रण उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधीन है। जलस्तर में बढ़ोतरी से इन जलाशयों के डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में रहने वाले नागरिकों की सुरक्षा को लेकर खतरा बढ़ गया है। इसी संदर्भ में उत्तराखण्ड सिंचाई विभाग द्वारा आपदा संभावनाओं के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

उत्तराखण्ड सिंचाई विभाग के मुख्य अभियन्ता (स्तर-2) संजय शुक्ल द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि जलाशयों के जलस्तर के चेतावनी स्तर तक पहुँचने से पहले ही उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग के अधिकारियों से समन्वय स्थापित कर जल के नियंत्रित निकासी की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

जलाशयों के चेतावनी स्तर- 

* नानक सागर जलाशय: 706 फीट
* बैगुल जलाशय: 683.5 फीट
* ढौरा जलाशय: 710 फीट

24x7 अलर्ट पर रहेंगे उत्तराखण्ड सिंचाई विभाग के अधिकारी- 
आपातकालीन स्थिति से निपटने और जानकारी के आदान-प्रदान के लिए निम्नलिखित सहायक अभियन्ताओं को नामित किया गया है- 

1. दीप चन्द्र पन्त — बैगुल जलाशय
2. नवीन चन्द्र पाण्डे — नानक सागर जलाशय
3. विजय पाल सिंह — ढौरा जलाशय

इन अधिकारियों को 24x7 अलर्ट मोड पर रहकर जलस्तर पर लगातार नजर बनाए रखने और उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, किसी भी संभावित आपदा की स्थिति में स्थानीय निवासियों की जान-माल की सुरक्षा को प्राथमिकता देने को कहा गया है।

राज्य व जिला आपदा नियंत्रण कक्ष को मिलेगी दैनिक सूचना- 

आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जलाशयों के जलस्तर की दैनिक रिपोर्ट देहरादून स्थित राज्य आपदा नियंत्रण कक्ष सहित, जिला व तहसील स्तर पर अनिवार्य रूप से भेजी जाएगी। साथ ही, जब भी मौसम विभाग द्वारा रेड अलर्ट या ऑरेंज अलर्ट जारी किया जाएगा, उस स्थिति में एक दिन पूर्व ही संबंधित अधिकारियों से समन्वय कर तात्कालिक कार्यवाही सुनिश्चित की जाएगी।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग से जलाशयों की Capcity Survey (क्षमता सर्वेक्षण) हेतु पत्राचार भी किया जाएगा, जिससे संभावित खतरे का आकलन पहले से किया जा सके।

उच्चाधिकारियों को भेजी गई प्रतिलिपि- 

प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आदेश की प्रतिलिपि उत्तराखण्ड शासन, कुमाऊँ आयुक्त, जिलाधिकारी, अधीक्षण अभियन्ता, और संबंधित अधिशासी अभियन्ताओं को भी प्रेषित की गई है।

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