हल्द्वानी - इस वजह से नवीन वर्मा की जॉइनिंग को लेकर भाजपा आयी बैकफुट पर, धरी की धरी रह गई तैयारियां! 

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हल्द्वानी - नगर निगम हल्द्वानी काठगोदाम सीट के अन्य पिछड़ा जाति (ओबीसी ) होने के चलते सियासी उठापटक तेज हो चली है, भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए मेयर पद के लिए उम्मीदवार का चयन सर दर्द बन गया है. ऐसे में हल्द्वानी 56 साल बाद अन्य पिछड़ा जाति के लिए सुरक्षित हुई तो कोई भी दल इस तरह का उम्मीदवार इन 56 सालों में तैयार नहीं कर पाया जब इस मौके पर काम आ सके। 

 

Video : Exclusive Interview With Naveen Verma.

 

बगावत के सुरों से बैकफुट पर आयी बीजेपी - 
नवीन वर्मा की भाजपा में आने की खबर वायरल हुई तो मानों भाजपा के भीतर बगावती सुर उठने शुरू हो गए थे। आपको बताएं की जैसे ही नवीन वर्मा के भाजपा की सदस्यता ग्रहण करने की खबर पार्टी में लगी तो पार्टी का एक वर्ग नवीन वर्मा को कांग्रेस से लाये नेता को स्वीकार करने के मूड में नहीं था, ऐसे में सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वयं सेवक आरएसएस की एंटी होने से अब भाजपा बैकफुट पर आ गयी है. चूँकि OBC समाज से आरएसएस के बड़े नेता होने के चलते भाजपा बैकफुट पर आयी और आज मंगलवार को दोपहर 2 बजे हल्द्वानी में होने वाली जॉइनिंग को रोक दिया गया है. और सारी तैयारियां ठीक पहले धरी की धरी रह गयी। वहीं नवीन वर्मा ने बताया की अभी उनकी जॉइनिंग टली है मगर रुकी नहीं है, उनकी आस्था अब बीजेपी में ही है ऐसे में अब भी सम्भावनाएं हैं की नवीन वर्मा बीजेपी एक से दो दिन के भीतर ज्वाइन कर सकते हैं. 

 

बीजेपी नेता गजराज ने दर्ज करवाई आपत्ति - 
बीजेपी नेता एवं पूर्व मंडी परिषद् समिति के अध्यक्ष गजराज बिष्ट ने मेयर के टिकट को लेकर एलान किया है कि पार्टी किसी भी OBC के सदस्य को टिकट दे लेकिन पार्टी के बाहर से किसी भी व्यक्ति की एंट्री न कराये। उन्होंने नवीन वर्मा की जॉइनिंग मामले में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से नवीन वर्मा के टिकट पर आपत्ति दर्ज कराई है।  
 


कौन हैं नवीन वर्मा - 
इन दिनों हल्द्वानी की सियासत में नवीन वर्मा का नाम हर जुबान पर तैर रहा है, वर्मा हल्द्वानी के एक सर्राफा कारोबारी और  प्रांतीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल उत्तराखंड के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह महादेव गिरी संस्कृत महाविद्यालय हल्द्वानी के प्रबंधक, स्पोर्ट्स एसोसिएशन हल्द्वानी, संगीत संकल्प हल्द्वानी व सरस्वती कला संगीत संस्था हल्द्वानी के अध्यक्ष, जमरानी बांध निर्माण संघर्ष समिति के संयोजक भी हैं। वह प्रमुख राज्य आंदोलनकारी होने के साथ-साथ विद्युत निमायक आयोग उत्तराखंड के पूर्व सदस्य भी रहे हैं। इससे पहले वह 12 सालों से कांग्रेस के सदस्य थे।  

 

क्या बीजेपी नहीं तो कांग्रेस देगी वर्मा को टिकट - 
अब बड़ा सवाल है, जब नवीन वर्मा को भाजपा लपकना चाहती थी ऐसे में बीजेपी नेताओं के विरोध से हल्द्वानी में जमकर रायता फैला है, अब कांग्रेस के जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल ने वर्मा को लालच के राजनीति में पार्टी छोड़ने का आरोप लगाया है, राहुल छिमवाल ने बताया की पहले दिन से ही हल्द्वानी सीट OBC होने पर नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य और हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश लगातार नवीन वर्मा के सम्पर्क में थे ऐसे में जब एक नया ट्वीस्ट आया तो क्या वर्मा दुबारा से कांग्रेस के दिल में पहले की तरह जगह बना पायेंगें यह बड़ा सवाल है। हालाँकि राजनीति में यह सब सम्भव हो जाता है! 
 

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