हल्द्वानी - साइबर ठगी का बड़ा खुलासा हल्द्वानी से दुबई तक फैला रैकेट, छात्र नेता समेत 13 पर केस दर्ज

हल्द्वानी - शहर में साइबर ठगी का एक बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें हल्द्वानी के एमबीपीजी कॉलेज के पूर्व छात्रसंघ उपसचिव करन अरोड़ा को मास्टरमाइंड बताया जा रहा है। इस मामले में करन समेत कुल 13 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस गिरोह का कनेक्शन दुबई तक जुड़ा हुआ है।

1.20 करोड़ के संदिग्ध लेनदेन से हुआ पर्दाफाश -
मामला तब सामने आया जब बनभूलपुरा की एक बेकरी में काम करने वाले रमेश चंद्र के खाते में अचानक 1.20 करोड़ रुपये का लेनदेन देखा गया। रमेश पिछले 15 वर्षों से बेकरी में काम कर रहे हैं। साइबर ठगी की जांच के दौरान नोएडा पुलिस ने इस खाते को चिन्हित किया, जिसके बाद हल्द्वानी पुलिस हरकत में आई।

करन अरोड़ा और दुबई से जुड़ा भाई प्रियांशु रैकेट के सरगना -
पुलिस जांच में सामने आया कि इस पूरे रैकेट का संचालन करन अरोड़ा और दुबई में रह रहा उसका भाई प्रियांशु मिलकर कर रहे थे। इन्होंने भोले-भाले लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में मोटे मुनाफे का झांसा देकर उनके नाम पर चालू खाते खुलवाए और उनका इस्तेमाल ठगी की रकम को ट्रांसफर करने के लिए किया।
रैकेट में शामिल अन्य आरोपी -
पुलिस ने करन अरोड़ा के साथ जिन अन्य 12 आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज किया है, उनमें बेकरी मालिक साजिद के अलावा अनस, हसनान, कैफ, रमीज, सिकंदर हुसैन, यूसुफ, वाजिद, मोनिस और नितिन अटवाल के नाम शामिल हैं। सभी पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(4) और 61(2) के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
बनभूलपुरा थाना पुलिस की सक्रियता -
थाना प्रभारी नीरज भाकुनी ने बताया कि “इन आरोपियों ने उत्तराखंड के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी कई फर्जी खाते खुलवाकर लोगों को साइबर ठगी का शिकार बनाया है। इनकी गिरफ्तारी के लिए अलग-अलग टीमें गठित की गई हैं और जल्द ही पूरे नेटवर्क को उजागर कर दिया जाएगा।”
साइबर अपराध के खिलाफ सख्ती जरूरी -
यह मामला न सिर्फ हल्द्वानी, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए चेतावनी है कि साइबर ठग किस तरह भोले-भाले लोगों को झांसे में लेकर उनका इस्तेमाल बड़े घोटालों के लिए कर रहे हैं। पुलिस की सतर्कता ने समय रहते इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया, लेकिन इससे यह साफ है कि साइबर सुरक्षा और जागरूकता की जरूरत पहले से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।