हल्द्वानी - आम्रपाली ने धूमधाम से मनाया राज्य स्थापना दिवस, HM के रेस्टोरेंट में रही पहाड़ी व्यंजनों की रही धूम 

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हल्द्वानी - आम्रपाली संस्थान के होटल प्रबंधन विभाग ने धूमधाम से राज्य स्थापना दिवस मनाया। इस अवसर पर कार्यक्रम समन्वयक डा० विनोद नेगी ने बताया कि संस्थान के गूरमे क्लब ने उत्तराखण्डी कुजीन को बढ़ावा देने एवं छात्रों को इसकी महत्वता से अवगत कराने के लिए विद्यार्थियों को बुरांश का जूस, मॉस के बड़े, गहत की दाल की टिक्की, गडेरी के गुटके, आलू टमाटर का रस, चने के डुबके, भट्ट की चुड़कानी, पालक का कापा, सिसौंड़ का साग, बिन्दुली भात, मडुवे की रोटी, झिंगोरे की खीर और अरसा आदि बनाना सिखाया। साथ ही इसके पोषक तत्वों पर परिचर्चा की गई। अन्त में कार्यशाला में बनाए गये भोजन का सभी ने आनंद उठाया। संस्थान के प्रशिक्षण रेस्टोरेंट को उत्तराखण्डी थीम पर सजाया गया। कार्यक्रम के छात्र समन्वयक के चेष्ठा शुक्ला एवं दीपक सिंह ने कार्यक्रम को सफलता पूर्वक आयोजित किया।

 

संस्थान के शिक्षा विभाग में उत्तराखण्ड अम्युदय एंव संस्कृति पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ संस्थान के सीईओ डा. संजय ढींगरा, कोषाध्यक्ष बिन्दू चावला, फार्मेसी विभाग के प्राचार्य डा० अभिजित ओझा एंव शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष डा0 सुरेश मेहता ने द्वीप प्रज्जवलित करके किया। कार्यक्रम में छात्रों द्वारा उत्तराखण्ड के लोक नृत्यों की प्रस्तुति की। इसके साथ ही पहाडी वर्णमाला पर एक प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड से पलायन तथा शिक्षा सम्बन्धी मुद्दों पर भी विद्यार्थियों द्वारा विचार विमर्श किया गया। डा० अभिजित ओझा ने भी पलायन पर अपने विचार व्यक्त करते हुऐ इसे रोकने हेतु सुझाव प्रस्तुत किये।


इस अवसर पर होटल प्रबंधन विभाग के सीओओ प्रो० डा० एस0के0 सिंह ने विद्यार्थियों एवं शिक्षकों से कहा कि उत्तराखण्डी संस्कृति एवं कुजीन का संरक्षण अत्यंत आवश्यक है। उत्तराखण्ड का भोजन अत्यधिक पौषणिक मूल्य प्रदान करता हैं। साथ ही इसका औषधीय महत्व भी सर्वविदित है। उत्तराखण्ड की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने एवं उत्तराखण्डी कुजीन को वैश्विक पटल पर पहुँचाने हेतु आम्रपाली संस्थान प्रतिबद्ध है। इसके लिये संस्थान समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन करता रहेगा।  संस्थान के सीईओ डॉक्टर संजय ढींगरा ने उत्तराखंड राज्य के शहीदों को नमन किया तथा उत्तराखंड की सभ्यता और संस्कृति से विद्यार्थियों को अवगत कराया। इस अवसर पर संस्थान के प्रबंधनगण विभिन्न विभागों के निदेशक प्राचार्य शिक्षा और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
 

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