उत्तराखंड - डिलीवरी के बाद महिला लेखपाल की मौत, सीएमएस समेत तीन चिकित्सकों पर मुकदमा दर्ज
उत्तराखंड - डिलीवरी के बाद महिला लेखपाल की मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा कदम उठाया है। मृतका के पति की तहरीर पर रुड़की के सरकारी अस्पताल के सीएमएस समेत तीन चिकित्सकों के खिलाफ उपचार में लापरवाही का मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
मृतका के पति पंकज कुमार पुत्र शमशेर सिंह, निवासी नेहरू नगर, कोतवाली गंगनहर रुड़की ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उनकी पत्नी मोनिका भावे, जो कि राजस्व उप निरीक्षक (लेखपाल) के पद पर हरिद्वार तहसील के एक गांव में तैनात थीं, को 25 दिसंबर को डिलीवरी के लिए रुड़की स्थित नेहरू स्टेडियम के पास डॉक्टर शिरोमणि अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शाम करीब चार बजे नॉर्मल डिलीवरी के दौरान उन्होंने एक पुत्री को जन्म दिया।
आरोप है कि डिलीवरी के बाद डॉक्टर पूनम गुप्ता और अस्पताल स्टाफ ने मोनिका को कमरे में शिफ्ट कर दिया, जहां वह लगातार दर्द से कराहती रहीं। पति का आरोप है कि बार-बार कहने के बावजूद डॉक्टर उन्हें देखने नहीं आईं। बाद में दो नर्सों ने जांच की और डॉक्टर को स्थिति से अवगत कराया, जिसके बाद मोनिका को ऑपरेशन थियेटर ले जाया गया। वहां डॉक्टर संजय कंसल समेत एक अन्य चिकित्सक को भी बुलाया गया।
पंकज कुमार के अनुसार कुछ ही देर बाद डॉक्टर पूनम गुप्ता ने एंबुलेंस बुलाकर उनकी पत्नी को ज्वालापुर स्थित भूमानंद अस्पताल रेफर कर दिया। आरोप है कि जब उन्होंने डॉक्टर से बात करने का प्रयास किया तो बाउंसर बुलाकर उन्हें पिस्टल दिखाकर धमकाया गया। परिजनों के मुताबिक भूमानंद अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने मोनिका को मृत घोषित कर दिया। इसके बाद वहीं पोस्टमार्टम कराया गया।
गंगनहर कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोहर भंडारी ने बताया कि तहरीर के आधार पर सरकारी अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल, डॉक्टर पूनम गुप्ता समेत एक अन्य चिकित्सक के खिलाफ उपचार में लापरवाही का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। मामले की जांच की जा रही है।
