उत्तराखंड - केदारनाथ से लौट रहा हेलीकॉप्टर क्रैश, पायलट सहित सभी 7 लोगों की मौत – राज्य में हेली सेवाओं पर उठे सवाल

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Kedarnath Helicopter Crash - उत्तराखंड के पवित्र तीर्थस्थल केदारनाथ धाम से श्रद्धालुओं को लेकर लौट रहा आर्यन एविएशन कंपनी का हेलीकॉप्टर आज सुबह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। गौरी माई खर्क, जो गौरीकुंड से लगभग 5 किमी ऊपर स्थित है, वहां यह भीषण हादसा हुआ। इस हादसे में 7 लोगों की मौत की पुष्टि युकाडा (UCADA) द्वारा की गई है।

हेलीकॉप्टर में सवार सभी श्रद्धालु और पायलट की मौत हो गई। मृतकों में महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, गुजरात और उत्तराखंड के लोग शामिल हैं। 
हादसे में जान गंवाने वालों की पहचान निम्न प्रकार से की गई है:

* श्रद्धा राजकुमार जायसवाल (35), महाराष्ट्र
* काशी (25), महाराष्ट्र
* राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), गुजरात
* विनोद देवी (66), उत्तर प्रदेश
* तुष्टि सिंह (19), उत्तर प्रदेश
* विक्रम (बीकेटीसी स्टाफ), उत्तराखंड
* कैप्टन राजवीर सिंह चौहान (पायलट)

खराब मौसम बना हादसे की वजह-
प्रारंभिक रिपोर्ट्स के अनुसार, खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर संतुलन खो बैठा और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हेलीकॉप्टर केदारनाथ से गुप्तकाशी बेस कैंप लौट रहा था।

घटनास्थल पर रेस्क्यू अभियान
हादसे की सूचना मिलते ही एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन की टीमें मौके पर रवाना हो गईं और राहत एवं बचाव कार्य शुरू कर दिए गए।

मुख्यमंत्री धामी ने जताया शोक-
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर गहरा शोक जताया और कहा कि, "रुद्रप्रयाग जिले में हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुःखद समाचार मिला है। सभी यात्रियों की कुशलता के लिए बाबा केदार से प्रार्थना करता हूं। राहत दल काम में जुटा है।"


7 जून को भी हुआ था हादसा- 
गौरतलब है कि 7 जून को भी एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना हुई थी, जिसमें क्रिस्टल एविएशन का हेलीकॉप्टर केदारनाथ हाईवे पर बडासू के पास इमरजेंसी लैंडिंग करने पर मजबूर हुआ था। उस हादसे में सभी यात्री सुरक्षित रहे थे।

हेली सेवाओं पर मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश- 
लगातार हो रही दुर्घटनाओं को देखते हुए मुख्यमंत्री धामी ने हेली सेवाओं की समीक्षा के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि 
हेलीकॉप्टर सेवाओं के संचालन के लिए नई एसओपी (Standard Operating Procedure) बनाई जाएगी।

उड़ान से पूर्व तकनीकी परीक्षण और मौसम जानकारी लेना अनिवार्य होगा।


तकनीकी विशेषज्ञों की समिति बनाई जाएगी जो हेलीकॉप्टर संचालन के हर पहलू की जांच करेगी।

सभी पुरानी और नई दुर्घटनाओं की विस्तृत जांच की जाएगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने यह भी दोहराया कि उत्तराखंड जैसे पहाड़ी और तीर्थ राज्यों में हेली सेवाएं तीर्थाटन, आपदा प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं के लिए बेहद अहम हैं, और इनकी सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है।

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