केदारनाथ यात्रा में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा का कहर, दो दिन में 13 घोड़ों की मौत, घोड़े-खच्चरों के संचालन पर 24 घंटे की रोक

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Kedarnath Dham Yatra - केदारनाथ यात्रा मार्ग पर घोड़ों और खच्चरों में एक्वाइन इन्फ्लूएंजा वायरस के तेज़ी से फैलते संक्रमण ने हड़कंप मचा दिया है। बीते 48 घंटों में इस वायरस की चपेट में आकर 13 घोड़े-खच्चरों की मौत हो चुकी है। हालात की गंभीरता को देखते हुए राज्य सरकार ने तत्काल प्रभाव से 24 घंटे के लिए यात्रा मार्ग पर घोड़े-खच्चरों के चलने पर रोक लगा दी है।

सरकार ने रेस्पॉन्स टीम को अलर्ट करते हुए आसपास के ज़िलों से सभी पशु चिकित्सकों को केदारनाथ और गौरीकुंड भेज दिया है। ये टीमें अब सघन स्वास्थ्य परीक्षण अभियान चलाएंगी, जिसमें 5,000 से अधिक घोड़े-खच्चरों की जांच की जाएगी। केवल उन्हीं पशुओं को यात्रा में शामिल होने की अनुमति दी जाएगी जो पूरी तरह स्वस्थ पाए जाएँगे।

 

क्या है एक्वाइन इन्फ्लूएंजा?
एक्वाइन इन्फ्लूएंजा एक विषाणुजनित बीमारी है, जो मुख्यतः घोड़ों और खच्चरों में फैलती है। इसके लक्षण—जैसे तेज बुखार, खांसी और नाक से पानी आना—कई मामलों में इंसानी फ्लू या कोरोना वायरस से मिलते-जुलते हैं, लेकिन राहत की बात यह है कि यह वायरस इंसानों में नहीं फैलता।

 

यात्रियों से अपील - 
प्रशासन ने यात्रियों से संयम बरतने और किसी भी अफवाह से बचने की अपील की है। साथ ही भरोसा दिलाया है कि पूरी सावधानी बरतते हुए यात्रा को सुरक्षित और सुचारू रखने की हरसंभव कोशिश की जा रही है। केदारनाथ यात्रा के इस संवेदनशील मोड़ पर अब सभी की निगाहें पशु स्वास्थ्य विभाग की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।

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