उत्तराखंड - जनता दर्शन कार्यक्रम में डीएम ने सुनी शिकायतें, जानिए क्यों RTO और ARTO के वेतन रोकने के दिए निर्देश 
 

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देहरादून - सोमवार को जिलाधिकारी सविन बंसल की अध्यक्षता में ऋषिपर्णा सभागार में जनता दर्शन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान जिलेभर से आए लोगों की 118 शिकायतें सुनी गईं, जिनमें अधिकांश भूमि विवाद, नगर निकाय, परिवहन, सिंचाई और विद्युत विभाग से जुड़ी रहीं। कार्यक्रम में डीएम ने कुछ मामलों में तत्काल राहत देते हुए लोगों के चेहरे पर मुस्कान लौटा दी। वहीं कुछ विभागों की लापरवाही पर कड़ा रुख भी अपनाया गया। परिवहन विभाग से संबंधित शिकायतों में आरटीओ और एआरटीओ की गैरहाज़िरी पर जिलाधिकारी ने उनके वेतन रोकने के निर्देश दिए। इसके साथ ही लोक निर्माण विभाग के एक्सईएन से स्पष्टीकरण मांगा गया है। विकासनगर के एसडीएम और तहसीलदार को जनता दर्शन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए।

प्रमुख शिकायतें और कार्यवाही - 
लखवाड़ बांध से प्रभावित लुदर सिंह चौहान और ईस्ट होपटाउन के निवासियों ने भूमि अधिग्रहण के बावजूद मुआवजा न मिलने की शिकायत की। इस पर डीएम ने विशेष भूमि अधिग्रहण अधिकारी को रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
वहीं 77 वर्षीय विधवा महिला सुशीला पुरी ने जोगीवाला क्षेत्र में अपनी भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत की, जिस पर उपजिलाधिकारी से मामले की रिपोर्ट तलब की गई।

कुछ लोगों को मिला त्वरित न्याय - 
गरीब विधवा रुकय्या प्रवीण की बेटी को नंदा-सुनंदा योजना के तहत शिक्षा और स्वरोजगार प्रशिक्षण दिलाने के निर्देश दिए गए। दिव्यांग अंजना मलिक को इलेक्ट्रिक व्हीलचेयर दिलवाने और उनका रेलवे पास रिन्यू कराने की व्यवस्था की गई।
पुश्तैनी भूमि पर कब्जे को लेकर भटक रही विधवा महिला और उनकी दो बेटियों को भी पुलिस बल के सहयोग से कब्जा दिलवाने के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा माया प्रधान, मनोज शर्मा, नविता और प्रदीप कुमार जोशी को मुफ्त सरकारी वकील की सुविधा देने का आदेश दिया गया।

इस जनता दर्शन कार्यक्रम में न सिर्फ लोगों की समस्याएं सुनी गईं, बल्कि कई मामलों में तुरंत कार्रवाई कर लोगों को राहत दी गई। जिलाधिकारी का यह प्रयास लोगों को प्रशासन पर विश्वास दिलाने वाला साबित हुआ।

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