UKSSSC परीक्षा में फर्जीवाड़ा, पांच तरीके अपनाकर परीक्षा देने की कोशिश कर रहा था सुरेंद्र, एसओजी ने दबोचा
देहरादून - यूकेएसएसएससी (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग) की सहकारी निरीक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जीवाड़ा कर शामिल होने की कोशिश कर रहे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मोदीनगर निवासी सुरेंद्र को एसओजी ने शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी ने फर्जी दस्तावेजों के दम पर तीन जिलों से आवेदन किया था और परीक्षा में बैठने की तैयारी कर रहा था। उसके खिलाफ रायपुर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि सुरेंद्र ने पांच अक्टूबर को प्रस्तावित परीक्षा में शामिल होने के लिए देहरादून, टिहरी और हरिद्वार के परीक्षा केंद्रों पर अलग-अलग पहचान के साथ आवेदन किया था। जांच में पता चला कि उसने विभिन्न स्तरों पर दस्तावेजों में हेराफेरी की और कई जानकारी बदलकर फर्जी तरीके से आवेदन किया।
ऐसे किया सुरेंद्र ने फर्जीवाड़ा -
उम्र घटाने के लिए दोबारा दी हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा – ताकि वह पात्रता सीमा में आ सके।
दो बार बीए किया – पहले 2012 में और फिर 2018 में हिमाचल प्रदेश के सोलन से नए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर।
देहरादून में फर्जी स्थायी प्रमाणपत्र बनवाया – बालावाला स्थित पते पर।
पिता के नाम में किया बदलाव – तीनों आवेदनों में पिता का नाम अलग-अलग लिखा गया।
सेवायोजन विभाग की फर्जी इंप्लाई आईडी बनाई – ताकि सरकारी नौकरी के आवेदन में वैधता दिखाई जा सके।
तीन जिलों से किया आवेदन -
मोदीनगर के गांव कनकपुर भोजपुर निवासी सुरेंद्र ने देहरादून, टिहरी और हरिद्वार के परीक्षा केंद्रों के लिए आवेदन किया था। आयोग को जब उसके आवेदन संदिग्ध लगे तो मामले की जांच एसओजी को सौंपी गई। जांच में सामने आया कि उसने तीन अलग-अलग मोबाइल नंबर, अलग पते और फर्जी प्रमाणपत्रों के सहारे तीन बार रजिस्ट्रेशन कराया था।
अब पुलिस यह भी जांच रही है कि आरोपी ने फर्जी दस्तावेज कहां से बनवाए और क्या इसमें कोई अन्य व्यक्ति या गिरोह शामिल है।
प्रारंभिक जांच में कई गंभीर अनियमितताओं के संकेत मिले हैं, जिससे आयोग की परीक्षा प्रणाली की सुरक्षा पर भी सवाल उठे हैं।
