अवैध खनन को रोकने गई वन विभाग की टीम पर हमला, गाड़ी तोड़ी, चार राउंड हवाई फायरिंग, पुलिस क्यों नहीं कर रही FIR
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रामनगर - कोसी नदी में बेखौफ खनन माफिया ने गुर्गों के साथ मिलकर वन विभाग के कर्मचारियों पर पथराव कर दिया। सरकारी वाहन के शीशे भी तोड़ डाले। जान बचाकर भाग रहे वनकर्मियों का माफिया ने एक किलोमीटर तक पीछा भी किया। सुरक्षा के मद्देनजर वन कर्मचारियों को चार राउंड हवाई फायरिंग भी करनी पड़ी।
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वन विभाग की ओर से बन्नाखेड़ा चौकी में पांच नामजद समेत 25 से अधिक आरोपितों के विरुद्ध प्राथमिकी दी गई है। तराई पश्चमी वन प्रभाग के अंतर्गत रामनगर रेंज, आमपोखरा रेंज व एसओजी की टीम शनिवार को संयुक्त रूप से अवैध खनन रोकने के लिए गश्त पर थी। दो रेंज के करीब दस कर्मचारी जैसे ही कालूसिद्ध के रास्ते पर पहुंचे तो टीम ने अवैध खनन करते तीन वाहनों को पकड़े। इसके बाद टीम ने नदी क्षेत्र में प्रवेश किया तो देवघाट पर अवैध खनन की सूचना मिली। टीम ने देवघाट पर मय ट्रैक्टर के पीछे लगा बैक कराहा को पकड़ लिया। वनाधिकारियों ने बताया कि इस बीच काफी संख्या में एकत्रित खनन माफिया ने ट्रैक्टर के बैक कराह ले जाने का विरोध किया। टीम ने ट्रैक्टर के बैक कराह को टीम ने गुलजार पुर वन चौकी पर खड़ा कर दिया। टीम में रामनगर रेंजर जेपी डिमरी, वन दरोगा मोहन चंद्र पांडे आदि अनेक कर्मचारी मौजूद रहे।
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खनन माफियाओं ने सरकारी वाहन तोड़ा
वन अधिकारियों की माने तो कार्रवाई के बीच खनन माफियाओं ने आम पोखरा रेंज के सरकारी वाहन पर पथराव कर क्षतिग्रस्त कर दिया। डीजल टैंक को भी तोड़ दिया। किसी तरह कर्मचारी वहां से अपने वाहनों से निकले तो खनन माफियाओं ने उनका पीछा किया। टीम के कर्मचारियों ने बताया कि खनन माफियाओं को भगाने के लिए चार राउंड हवाई फायरिंग करनी पड़ी।
एसडीओ तराई पश्चमी वन प्रभाग रामनगर संदीप गिरी ने बताया की वन विभाग की टीम अवैध खनन रोकने गई थी। इस बीच खनन माफिया ने टीम पर पथराव कर दिया। जिसमें सरकारी वाहन क्षतिग्रस्त हो हुआ है। कुछ लोग चिन्हित किए गए हैं। इस मामले में आरोपितों के विरुद्ध स्टाफ ने पुलिस को प्राथमिकी दे दी है। अभी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है।
ऐसे कैसे खनन रोकेगा वन विभाग-
वन विभाग की टीम को पुलिस का पूरी तरह सहयोग नहीं मिल पाता है। यही वजह है कि घटना के बाद पुलिस द्वारा तहरीर थाना बाजपुर के बन्नाखेड़ा पुलिस चौकी में दी गई थी। रामनगर रेंजर जेपी डिमरी ने बताया कि देर शाम तक आरोपितों के खिलाफ बन्नाखेड़ा पुलिस द्वारा तहरीर दर्ज नहीं की गई है। ऐसे में सवाल उठता है कि पुलिस द्वारा इतनी बड़ी घटना की तहरीर क्यों दर्ज नहीं की गई है। इसी वजह से खनन माफिया वन विभाग की टीम पर हमला करने से नहीं कतराते हैं।