हल्द्वानी - भैंसों की गायबगाथा, हल्द्वानी में पशुपालक की 8 भैंसें चोरी, चार के खिलाफ पुलिस ने किया केस दर्ज, जानिए मामला 
 

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हल्द्वानी - नैनीताल के हल्द्वानी शहर में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, जिसने एक दशक पुरानी आजम खान की चर्चित ‘भैंस चोरी’ की यादें ताजा कर दी हैं। हालांकि इस बार चोरी किसी मंत्री की नहीं, बल्कि एक गरीब पशुपालक की भैंसों की हुई है। मामला हल्द्वानी कोतवाली क्षेत्र का है, जहां 8 भैंसें अचानक जंगल से गायब हो गईं। पशुपालक ने इसे सुनियोजित चोरी करार देते हुए चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

क्या है पूरा मामला - 
हल्द्वानी के झुटियाल खत्ता, टांडा निवासी प्रेम सिंह बिष्ट पेशे से पशुपालक हैं। उनके अनुसार, उनके पास कुल 17 भैंसें थीं। इसी वर्ष फरवरी में उन्होंने 6 भैंसें बेचने के लिए गदरपुर निवासी यूसुफ से सौदा किया था, लेकिन जब यूसुफ ने तय कीमत से कम पैसे देने की बात की तो प्रेम सिंह ने सौदा रद्द कर दिया। इसके कुछ हफ्ते बाद, 7 मार्च को प्रेम सिंह अपनी सभी 17 भैंसों को चरने के लिए जंगल में छोड़कर आए, लेकिन शाम को केवल 9 भैंसें ही वापस लौटीं। बाकी 8 भैंसों का कोई सुराग नहीं लगा। उन्होंने इस घटना को लेकर यूसुफ और उसके कथित साथियों पर संदेह जताया है।

 

राजीनामा का दबाव, फिर केस -
प्रेम सिंह का आरोप है कि भैंसों के लापता होने के बाद टांडा निवासी करीम और नहर खत्ता निवासी अकरम उनके घर पहुंचे और राजीनामा का दबाव बनाने लगे। इससे उन्हें शक हुआ कि इस पूरी घटना के पीछे यूसुफ, करीम, अकरम और एक अन्य असलम का हाथ हो सकता है।

चार लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर - 
हल्द्वानी शहर कोतवाल राजेश यादव ने जानकारी दी कि प्रेम सिंह बिष्ट की शिकायत पर गदरपुर निवासी यूसुफ, खेड़ा उधम सिंह नगर निवासी असलम, टांडा निवासी करीम और नहर खत्ता निवासी अकरम के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। भैंसों और आरोपियों की तलाश जारी है। 

जहां देश में हाईटेक अपराधों पर चर्चा हो रही है, वहीं हल्द्वानी में 'भैंस चोरी' जैसे मामले न केवल पुलिस की चुनौती बने हुए हैं, बल्कि ग्रामीण समाज की जमीनी हकीकत भी बयां करते हैं। पुलिस की सक्रियता और जांच इस केस का क्या अंजाम लाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। 

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