उत्तराखंड - आपदा से क्षतिग्रस्त कामों के लिए अब डीएम और कमिश्नर को मिलेंगे करोड़ों रुपये, जानिए कितना कर सकते हैं खर्च  

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देहरादून - उत्तराखंड की भौगोलिक विषमताओं के कारण राज्य में अक्सर आपदा जैसी परिस्थितियाँ उत्पन्न होती रहती हैं, विशेषकर मानसून के दौरान। इन आपदाओं में सार्वजनिक परिसंपत्तियों को भारी नुकसान होता है, लेकिन अब उनके त्वरित पुनर्निर्माण का रास्ता आसान हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में जिलाधिकारियों और मंडलायुक्तों के वित्तीय अधिकारों में बड़ी बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी गई।

अब तक राज्य आपदा मोचन निधि (SDRF) के तहत जिलाधिकारियों को केवल 20 लाख रुपये तक की राशि खर्च करने की अनुमति थी। लेकिन अब यह सीमा बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये कर दी गई है। इसी तरह, मंडल आयुक्तों की SDRF मद से स्वीकृत राशि की सीमा 20 से 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 1 से 5 करोड़ रुपये कर दी गई है।

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक, सीमित वित्तीय अधिकारों के कारण अक्सर मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों में देरी होती थी, क्योंकि राज्य सरकार से स्वीकृति की प्रक्रिया लंबी हो जाती थी। अब स्थानीय स्तर पर ही बड़े फैसले लिए जा सकेंगे, जिससे राहत और पुनर्निर्माण कार्यों की गति तेज होगी।

गौरतलब है कि भारत सरकार ने अगस्त 2024 में SDRF के ‘Recovery and Reconstruction’ खंड के अंतर्गत आने वाले कार्यों के मानकों में भी वृद्धि की थी। इसके बाद राज्य सरकार ने जिलों के स्तर पर भी अधिकार बढ़ाने का निर्णय लिया, ताकि किसी भी आपदा की स्थिति में त्वरित और प्रभावी कार्रवाई हो सके।

 

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