देहरादून - पहली तिमाही में ही खनन ने तोड़े पुराने सारे रिकॉर्ड, मुख्यमंत्री और खनन निदेशक के प्रयासों ने रचा कीर्तिमान 
 

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देहरादून - मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार का सरलीकरण से समाधान मंत्र और पारदर्शी खनन नीति का असर राज्य के खनन विभाग पर दिख रहा है। पिछले लंबे समय से राजस्व लक्ष्य के आधे में हांफने वाले खनन विभाग ने इस साल पहली तिमाही में ही पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ कर 270 करोड़ की रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त की है। यह अवैध खनन के परिवहन और भंडारण पर प्रभावी रोक और खनन पट्टों के आवंटन में ऑनलाइन व्यवस्था से संभव हुआ है.

 

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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार राज्य के राजस्व में बढ़ोतरी को लेकर नित नये फैसले और योजनाओं पर काम कर रही है। उप खनिज को लेकर भी सरकार ने ठोस उप खनिज परिहार नियमावली लागू कर राज्य में सरलीकरण से समाधान, पारदर्शिता और भ्रष्टाचार रोकने के लिए खनन पट्टों का आवंटन के लिए ई निविदा, सह ई नीलामी से लेकर प्रवर्तन दलों से अवैध खनन, परिवहन और भंडारण पर प्रभावी रोक लगाने की नीति बनाई. 


इसके अलावा राज्य के चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और नैनीताल में निविदा के माध्यम से आवंटित कम्पनी को राजस्व वसूली की जिम्मेदारी दी है। नतीजन, खनन विभाग की कार्यप्रणाली से लेकर राजस्व लक्ष्य में बेहतर सुधार दिखने लगे। खासकर विभाग को दिए गए 875 करोड़ के राजस्व लक्ष्य के सापेक्ष 2022-23 में 472.25 करोड़ तो 2023-24 में 645.42 करोड़ प्राप्त हुआ। इन दो वित्तीय वर्ष के राजस्व की तुलना करें तो विभाग ने 2023 में एक साल के भीतर ही 173.17 करोड़ ज्यादा राजस्व के साथ 40 फीसद इजाफा किया है। राजस्व इजाफे का यह सिलसिला जारी है और इस साल प्रथम तिमाही (अप्रैल से जून) में ही विभाग ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ कर रिकॉर्ड 270 करोड़ के साथ तीन सालों की तुलना में 53 फीसद अधिक राजस्व प्राप्त किया है.


खनन निदेशक राजपाल लेघा ने बताया कि पिछले तीन साल के प्रथम तिमाही में 2022-23 में 136.18 करोड़, 2023-24 में 177.27 करोड़ तो चालू वित्तीय वर्ष के प्रथम तिमाही में रिकॉर्ड 270 करोड़ का रिकॉर्ड राजस्व प्राप्त हो गया है। इससे वित्तीय वर्ष के लक्ष्य की प्राप्ति संभव है। उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष में और प्रभावी रूप में अवैध खनन पर कार्रवाई करते हुए पारदर्शिता के साथ सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त कर लिया जाएगा. 
 

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