देहरादून - उत्तराखंड में खनन रॉयल्टी दरों में बड़ा बदलाव, खनन व्यवसायियों और उद्योगों पर पड़ेगा असर

देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने खनन व्यवसाय से जुड़ी बड़ी घोषणा करते हुए खड़िया और डोलोमाइट की रॉयल्टी दरों में अहम बदलाव किया है। खनन विभाग द्वारा जारी नए आदेश के मुताबिक जहां खड़िया की रॉयल्टी दरों में वृद्धि की गई है, वहीं डोलोमाइट की दरों को घटाया गया है। इससे राज्य के खनन व्यवसायियों और उद्योगों पर सीधा असर पड़ने वाला है।

खड़िया हुआ महंगा, बढ़ी रॉयल्टी -
विभाग ने खड़िया की दोनों श्रेणियों — 85% से अधिक और 85% से कम चमक वाले खड़िया — की रॉयल्टी दरों में वृद्धि की है:
85% से अधिक चमक वाला खड़िया: ₹450 प्रति टन से बढ़ाकर ₹600 प्रति टन
85% से कम चमक वाला खड़िया: ₹350 प्रति टन से बढ़ाकर ₹500 प्रति टन

दूसरी ओर, डोलोमाइट की रॉयल्टी दरों को ₹500 प्रति टन से घटाकर **₹200 प्रति टन** कर दिया गया है। विभाग का मानना है कि पड़ोसी राज्यों में डोलोमाइट की दरें कम होने के चलते प्रतिस्पर्धा बनाए रखने के लिए यह निर्णय लिया गया है। इससे राज्य में डोलोमाइट की बिक्री में इजाफा होने की उम्मीद है। इस बदलाव को खनन राजस्व बढ़ाने की दिशा में सरकार का एक कदम माना जा रहा है। विभाग का कहना है कि पिछले काफी समय से खड़िया की दरों में संशोधन नहीं किया गया था। अब यह संशोधन राजस्व बढ़ाने में सहायक होगा।
राज्य में नदियों से खनन की जाने वाली सामग्री पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क में भी कमी की गई है। अब तक ₹7 प्रति कुंतल अतिरिक्त शुल्क लिया जा रहा था, जिसे घटाकर ₹3 प्रति कुंतल कर दिया गया है। पर्वतीय जिलों के लिए डेडरेंट दरों में भी संशोधन किया गया है, ताकि वहां के खनन कार्यों को अधिक व्यवहारिक और नियंत्रित बनाया जा सके।