देहरादून - चार PCS अधिकारियों का तबादला, हिमांशु कफल्टिया बने UKSSSC के परीक्षा नियंत्रक

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देहरादून - उत्तराखंड शासन से बड़ी खबर सामने आ रही है, शासन ने देर रात चार (Transfer of 4 PCS officers) पीसीएस अफसरों के तबादले कर दिए हैं। पीसीएस कृष्ण कुमार मिश्र को अपर जिलाधिकारी देहरादून से हटाकर, अपर जिलाधिकारी टिहरी तथा सचिव जिला विकास प्राधिकरण टिहरी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।


वहीं पीसीएस अधिकारी सुश्री शालिनी नेगी को परीक्षा नियंत्रक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग देहरादून तथा संयुक्त सचिव लोक सेवा आयोग हरिद्वार के अतिरिक्त प्रभार से हटाकर उप जिलाधिकारी देहरादून की जिम्मेदारी दी है। पीसीएस रामजी शरण शर्मा को अपर जिलाधिकारी टिहरी तथा सचिव जिला विकास प्राधिकरण टिहरी से हटाकर अपर जिलाधिकारी (वि./ रा.) देहरादून की जिम्मेदारी दी गई है।

वही पीसीएस अधिकारी हिमांशु कफल्टिया (Himanshu Kafaltiya PCS) को डिप्टी कलेक्टर चमोली से हटाकर परीक्षा नियंत्रक उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। 

 

कौन हैं PCS कफल्टिया -  
PCS Himanshu Kafaltiya - साल 2016 बैच के उत्तराखंड पीसीएस टॉपर रहे हिमांशु कफल्टिया सितंबर 2020 से टनकपुर में तैनात थे दिसंबर 2022 में उनका स्थानांतरण कर चमोली भेज दिया गया था। उनकी पहली तैनाती जून 2020 में पाटी में रही। उनकी पहचान बेहद ईमानदार, तेजी से जन समस्याओं के निस्तारण और जन सुलभता की वजह से उनकी पहचान क्षेत्र में जनता के अफसर के रूप में है। उन्होंने  जिले में नागरिक पुस्तकालयों की शुरुआत की। टनकपुर, बनबसा सहित दूरदराज के क्षेत्रों में 12 पुस्तकालय की स्थापना की। वह वेतन की दस प्रतिशत राशि इस काम में लगाने के अलावा स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों को भी मदद के लिए प्रेरित कर रहे हैं।


सीएम से तबादला निरस्त करने की मांग - 
टनकपुर के एसडीएम रहते हुए हिमांशु कफल्टिया ने प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र - छात्राओं के लिए पुस्कालय खोले थे दिसम्बर 2022 में उनके तबादले से लोगों में नाराजगी थी। खासकर युवा, छात्र-छात्राओं और प्रतियोगी परीक्षा कर रहे लोगों में गुस्सा था। नागरिक पुस्तकालय में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं ने इसके विरोध में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और सरकार से स्थानांतरण निरस्त करने की मांग की थी।  प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं ने कहा कि एसडीएम के प्रयास से लोगों के काम आसानी से हो रहे थे। पुस्तकालयों की स्थापना से पढ़ने और आगे बढ़ने का अवसर मिल रहा था। दस से अधिक पुस्तकालय में 400 से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ मिल रहा है।