देहरादून - शौर्य की मिसाल बने थे उत्तराखंड के सपूत कैप्टन दीपक सिंह, राष्ट्रपति मुर्मू ने मरणोपरांत किया शौर्य चक्र से सम्मानित

नई दिल्ली/ देहरादून - राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वीरगति को प्राप्त हुए उत्तराखंड के जांबाज़ सपूत कैप्टन दीपक सिंह को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया। यह सम्मान उन्हें गुरुवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित एक सादगीपूर्ण लेकिन गौरवपूर्ण समारोह में प्रदान किया गया। कैप्टन दीपक सिंह, भारतीय सेना की 48वीं राष्ट्रीय राइफल्स की सिग्नल कोर यूनिट से जुड़े थे। अगस्त 2024 में जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान उन्होंने अद्वितीय साहस का परिचय दिया। गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा और आतंकवादियों पर सटीक फायरिंग कर एक को गंभीर रूप से घायल कर दिया। बाद में वे अपनी चोटों के कारण शहीद हो गए।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर एक भावुक पोस्ट साझा करते हुए लिखा, “आदरणीय राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु जी ने अद्वितीय साहस और सर्वोच्च बलिदान के प्रतीक, कॉर्प्स ऑफ सिग्नल्स की 48 राष्ट्रीय राइफल्स के वीर शहीद, उत्तराखण्ड के अमर सपूत कैप्टन दीपक सिंह जी को मरणोपरांत शौर्य चक्र से अलंकृत किया।”

मुख्यमंत्री ने आगे लिखा कि उत्तराखंड की सैन्यभूमि को अपने इस जांबाज़ बेटे पर गर्व है। “शहीद कैप्टन दीपक सिंह जी का शौर्य, बलिदान और कर्तव्यनिष्ठा आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।” शहीद कैप्टन दीपक सिंह की यह वीरगाथा न केवल उत्तराखंड, बल्कि समूचे देश के युवाओं को राष्ट्रसेवा की प्रेरणा देती है। राष्ट्र हमेशा उनका ऋणी रहेगा।
शहीद कैप्टन दीपक सिंह मूलरूप से उत्तराखंड के अल्मोड़ा के रहने वाले थे। उनका परिवार देहरादून में रह रहा था। कैप्टन दीपक ने बारहवीं तक की पढ़ाई सेंट थामस स्कूल से की। 13 जून 2020 को वह सेना में कमीशन हुए। उनके पिता महेश सिंह उत्तराखंड पुलिस के रिटायर कार्मिक हैं। वह पुलिस मुख्यालय में तैनात थे और पिछले साल अप्रैल में वीआरएस लिया था।