देहरादून - उत्तराखंड के हर जिले में बनेगा एक 'संस्कृत ग्राम', शिक्षक की होगी नियुक्ति, जानिए कितना मिलेगा वेतन

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देहरादून – उत्तराखंड सरकार ने संस्कृत भाषा को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से एक नई पहल की शुरुआत की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया कि प्रदेश के सभी 13 जिलों में एक-एक गांव को 'संस्कृत ग्राम' के रूप में विकसित किया जाएगा।

 

इस योजना के तहत हर चयनित गांव में एक संस्कृत शिक्षक की तैनाती की जाएगी, जो तीन वर्षों तक ग्रामीणों को संस्कृत सिखाने का कार्य करेंगे। सरकार ने इन शिक्षकों के लिए ₹20,000 प्रति माह वेतन तय किया है। सरकार का लक्ष्य है कि इन गांवों में लोग आपस में संस्कृत में संवाद करें और नई पीढ़ी को भारतीय दर्शन, वेद, पुराण, उपनिषद और सनातन संस्कारों से जोड़ा जाए। इसके साथ ही गांव की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहरों का संस्कृत में अनुवाद भी किया जाएगा।

 

गौरतलब है कि पूर्व में भी 'आदर्श संस्कृत ग्राम' योजना लाई गई थी, लेकिन वह ज़मीन पर प्रभावी तरीके से लागू नहीं हो सकी। अब सरकार ने इस योजना को पुनर्जीवित कर ज़मीनी स्तर पर लागू करने का निश्चय किया है। सरकार का मानना है कि इस पहल से न केवल संस्कृत भाषा का प्रचार-प्रसार होगा, बल्कि गांवों में एक संस्कृतमय और स्वच्छ वातावरण का निर्माण भी किया जा सकेगा।

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