हल्द्वानी - अंकिता भंडारी की दूसरी पुण्यतिथि पर कांग्रेस का मौन उपवास, इस केस से पूरे उत्तराखंड को झकझोर कर दिया था 

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Ankita Bhandari's second death Anniversary - उत्तराखंड में हुए अंकिता भंडारी हत्याकांड की छवि आज भी प्रदेश के लोगों के दिलों से उतरी नहीं है, गढ़वाल से लेकर कुमाऊं तक आये दिन आरोपितों को कड़ी सजा देने के लिए विरोध प्रदर्शन होते हैं. इस जघन्य हत्याकांड का देश भर में विरोध हुआ था, कोलकाता में हुए डॉक्टर की हत्या की तरह ही तब उत्तराखंड में आक्रोश पनपा था। 


आज से ठीक दो साल पहले 18 सितम्बर 2022 को पौड़ी जिले की रहने वाली अंकिता भंडारी की हत्या कर दी थी, हत्या के बाद उसका शव बीजेपी के तत्कालीन राजयमंत्री के बेटे पुलकित आर्य और उसके दो साथियों ने ऋषिकेश के चीला नहर में फेंक दिया, दो साल बाद भी अंकिता भंडारी की आत्मा न्याय के लिए भटक रही होगी। 


हल्द्वानी में कांग्रेस ने आज बुध पार्क में अंकिता को जल्दी न्याय दिलाने के लिए अंकिता की दूसरी पुण्यतिथि पर मौन उपवास रखा, इस दौरान कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि उत्तराखंड में महिलाएं और बेटियों की सुरक्षा आज राम भरोसे है दो साल पहले अंकिता भंडारी की हत्या हुई थी। लेकिन आज भी उसके असली गुनहगारों तक पुलिस नहीं पहुंच पाई है। 


गौरतलब है की पौड़ी निवासी अंकिता को नौकरी करते हुए 20 दिन ही हुए थे कि वह वनंत्रा से नौकरी छोड़कर जाना चाह रही थी। वह जान चुकी थी कि यहां पर कितने काले कारनामे हो रहे हैं। घने जंगलों के बीच बने इस अय्याशी के अड्डे पर बड़े-बड़े लोग रंग रलियां मनाने आते थे। 


इसी काम के लिए पुलकित अंकिता को भी धकेलना चाहता था, अंकिता ने मना किया तो उसे मौत के घाट उतार दिया था. रिजॉर्ट का मालिक पुलकित आर्य, मैनेजर अंकित गुप्ता और सौरभ भाष्कर तीनों आरोपी कारागार में न्यायिक अभिरक्षा में बंद हैं।

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