उत्तराखंड - परिवहन निगम के डीजीएम पर शिकंजा, इस मामले में CM ने विजिलेंस को मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश
देहरादून - उत्तराखंड परिवहन निगम के डीजीएम (वित्त) भूपेंद्र कुमार पर आय से अधिक संपत्ति के गंभीर आरोपों के बाद अब विजिलेंस उन्हें कठघरे में लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजिलेंस की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्ज करने की संस्तुति कर दी है। विजिलेंस अब इस मामले में जल्द ही एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई शुरू करेगी।
गौरतलब है कि मई 2023 में राज्य निगम कर्मचारी-अधिकारी महासंघ ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर भूपेंद्र कुमार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। आरोप थे कि उन्होंने निगम में अनुबंधित बस स्वामियों से अपने पारिवारिक सदस्यों के खातों में बड़ी धनराशि ट्रांसफर कराई, साथ ही लाखों रुपये नकद भी लिए। महासंघ ने इन आरोपों के समर्थन में खातों की जानकारी भी उपलब्ध कराई थी।
इस पर मुख्यमंत्री ने विजिलेंस को खुली जांच के निर्देश दिए। जून 2023 से शुरू हुई इस जांच में विजिलेंस ने एक जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2023 तक की अवधि को जांच के दायरे में रखा। दो साल की जांच के बाद विजिलेंस ने पाया कि भूपेंद्र कुमार को इस अवधि में विभिन्न ज्ञात स्रोतों से कुल ₹1,82,37,376 की आय हुई, जबकि उनके खर्च ₹2,42,02,050 पाए गए। यह उनकी कुल आय से ₹59,64,674 अधिक हैं।
30 जून 2025 को हुई राज्य सतर्कता समिति की बैठक में मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में यह रिपोर्ट रखी गई। बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद मुख्यमंत्री ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा दर्ज करने की अनुमति दे दी।
सूत्रों के अनुसार, विजिलेंस अब इस मामले में आईपीसी की भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत जल्द मुकदमा दर्ज कर सकती है। यह मामला प्रदेश के सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर करने वाला बन सकता है और अन्य अधिकारियों के लिए चेतावनी भी।
