Nikay Election - कहीं नाबालिकों के नाम वोटर लिस्टों में चढ़ा दिए, कई जगहों पर हरीश रावत सहित VIP लोगों के नाम गायब

Nikay Election Uttarakhand - उत्तराखंड में 2025 के नगर निकाय चुनाव के लिए मतदान जारी है, लेकिन इस प्रक्रिया के दौरान कई गंभीर गड़बड़ियां और विवाद सामने आ रहे हैं। एक तरफ मतदाता अपने अधिकार का प्रयोग करने के लिए मतदान केंद्रों पर पहुंच रहे हैं, तो दूसरी ओर चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कहीं नाबालिगों के नाम मतदाता सूची में शामिल हैं, तो कहीं वोटर लिस्ट से नाम गायब होने की शिकायतें हो रही हैं। बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाए हैं, लेकिन जिम्मेदारी लेने को कोई तैयार नहीं है।

पौड़ी में नाबालिग बच्चों के नाम मतदाता सूची में शामिल -
पौड़ी नगर पालिका के वार्ड नंबर 5 में नाबालिग बच्चों के नाम मतदाता सूची में शामिल होने का मामला सामने आया है। मतदान के दौरान खुलासा हुआ कि 10 वर्षीय कादिर को 29 साल का दिखाया गया है, जबकि 9 साल की आफिया को बालिग दर्ज किया गया है। जैसे ही यह जानकारी सामने आई, मतदान केंद्र पर हंगामा खड़ा हो गया। इस गड़बड़ी ने न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। जिलाधिकारी आशीष चौहान ने मामले की गंभीरता को देखते हुए संबंधित बीएलओ के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

नाम गायब, फर्जी वोटर की शिकायतें बढ़ीं -
बीजेपी के देहरादून महानगर कार्यालय में बनाए गए कंट्रोल रूम में 100 से अधिक शिकायतें दर्ज की जा चुकी हैं। शिकायतें मुख्य रूप से मतदाता सूची से नाम गायब होने और फर्जी वोट डालने को लेकर हैं। अल्मोड़ा में करीब ढाई सौ फर्जी वोटर की शिकायतें आई हैं। पार्टी के लीगल एडवाइजर राजीव शर्मा का कहना है कि कई लोग उत्तराखंड के निवासी नहीं हैं, लेकिन उनके नाम यहां की मतदाता सूची में दर्ज हैं। वहीं हल्द्वानी में कई बूथों पर जैसे बिठौरिया, नैनीताल रोड सहित कई जगहों पर परिवार के परिवार के नाम गायब हैं, लोगों ने बीएलओ पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अपने संवैधानिक अधिकारों का हनन बताया है, उन्होंने विधानसभा के मतदाता लिस्ट से चुनाव करवाने की बात कही है। कांग्रेस ने भी मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर नाराजगी जाहिर की है। पार्टी के नेताओं का आरोप है कि यह सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा चुनावी धांधली का हिस्सा हो सकता है।
हरीश रावत और अन्य वीआईपी के नाम सूची से गायब -
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी मतदान नहीं कर पाए। मतदान केंद्र पर पहुंचने के बाद पता चला कि उनका नाम मतदाता सूची से गायब है। हरीश रावत ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है और आयोग को अपनी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना चाहिए। दून अस्पताल के पूर्व एमएस केसी पंत और उनके परिवार के चार सदस्यों का नाम भी वोटर लिस्ट से गायब मिला। पंत ने इसे अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन बताया।
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ने उठाए सवाल, लेकिन जिम्मेदारी अनिश्चित -
बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस गड़बड़ी को लेकर आक्रोशित हैं। बीजेपी ने फर्जी वोटिंग और नाम गायब होने पर सवाल उठाए हैं, जबकि कांग्रेस ने इसे प्रशासनिक लापरवाही और सत्तारूढ़ पार्टी की रणनीति का हिस्सा बताया है। लेकिन इन आरोप-प्रत्यारोपों के बीच यह सवाल बना हुआ है कि आखिर इन गड़बड़ियों की जिम्मेदारी कौन लेगा? प्रशासन, चुनाव आयोग, या राजनीतिक दलों में से किसी ने भी स्पष्ट रूप से जिम्मेदारी नहीं ली है।