उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव पर मुकदमा दर्ज, कांग्रेस के समय रहे थे CS, अब कांग्रेस सरकार गिराने के लग रहे आरोप 
 

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Himachal Pradesh Political Crisis - हिमाचल में कांग्रेस सरकार के उठापठक के बीच उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव पर मुकदमा दर्ज दो गया है, बीते दिनों राज्यसभा चुनावों में हुई क्रॉस वोटिंग के बाद हिमाचल प्रदेश की सियासत में एक और मोड़ आ गया है। राज्यसभा में क्रॉस वोटिंग करने के मामले में अब कांग्रेस और निर्दलीय विधायकों पर खरीद फरोख्त के आरोप लगे हैं। राज्य सभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त और सरकार गिराने की साजिश रचने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ है। शिमला पुलिस ने निर्दलीय विधायक के पिता जो कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं उनके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली है। वहीं एक रिपोर्ट निर्दलीय विधायक पर भी की गई है। 


राज्य सभा चुनाव से गहराया राजनीतिक संकट - 
हिमाचल में कुछ दिन पूर्व राज्यसभा की एक सीट के वोटिंग हुई थी जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी चुनाव हार गए थे। कांग्रेस के छह बागी विधायकों की क्रास वोटिंग के कारण सिंघवी को शिकस्त झेलनी पड़ी थी। उसके बाद राज्य में सियासी घमासान उठ गया था। चर्चा होने लगी थी कि हिमाचल की सुक्खू सरकार कभी भी गिर सकती है। इसी बीच गत दिवस हिमाचल पुलिस ने हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट विधायक (अब अयोग्य करार) चैतन्य शर्मा के पिता पूर्व आईएएस राकेश शर्मा (Ex IAS Rakesh Sharma, CS Uttarakhand) पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद-फरोख्त करने और करोड़ों के लेन-देन के आरोप में मुकदमा दर्ज कर लिया है। राकेश शर्मा उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे हैं।


कांग्रेस के दो विधायकों ने करवाया मुक़दमा - 
हिमाचल के हमीरपुर से निर्दलीय विधायक आशीष शर्मा और गगरेट के बागी विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा पर राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने और करोड़ों के लेन देन के आरोप लगाए गए हैं। मामले की शिकायत विधायक संजय अवस्थी और विधायक भुवनेश्वर गौड़ ने पुलिस थाना बालूगंज में दर्ज करवाई है। गैर कानूनी तरीके से सरकार गिराने और विधायकों के पांच से सात सितारा होटलों में रहने की व्यवस्था करने और हेलीकॉप्टर से बागी विधायकों को ले जाने के भी आरोप लगाए हैं। आपको बता दें की सभी बागी विधायक उत्तराखंड के ऋषिकेश में रुके हैं। शिकायत में कहा गया है कि गगरेट के विधायक चैतन्य शर्मा के पिता राकेश शर्मा उत्तराखंड में उच्च अधिकारी के पद पर रहे हैं और उन्होंने सरकार गिराने के लिए षड्यंत्र रचा है। शिकायत में राकेश शर्मा के बैंक खातों की जांच करवाने की मांग की है। 

पुलिस ने दर्ज की FIR - 
राज्यसभा चुनाव में वोटों की खरीद फरोख्त करने व करोड़ों के लेन देन के आरोपों के इस मामले में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच की कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस थाना बालूगंज में आरोपियों के खिलाफ 171 सी और ई, 120बी आईपीसी एवं पीसी एक्ट की धारा 7 और 8 के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिमला पुलिस का पूरे मामले की गहनता से जांच कर ही है। एसपी शिमला ने बताया कि शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हालांकि हिमाचल पुलिस के अधिकारी इस पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं। 
वहीं, राकेश शर्मा ने कहा कि यह सब राजनीतिक दबाव बनाने का प्रयास है। मैं किसी दबाव में आने वाला नहीं। इस तरह की कई एफआइआर सेवाकाल में देखी हैं।

कांग्रेस सरकार में रहे थे मुख्य सचिव - 
राकेश शर्मा 2013 से 2016 तक उत्तराखंड में कांग्रेस सरकार में मुख्य सचिव रहे। उनकी राजनैतिक आकाक्षाएं काफी बड़ी थीं। चर्चा शुरू होने लगी थी कि रिटायरमेंट के तत्काल बाद राकेश शर्मा उत्तराखंड की किच्छा सीट से विस चुनाव लड़ सकते हैं। ये मामला काफी चर्चाओं में रहा था। उसी समय चर्चाए थीं कि वह भाजपा में शामिल होकर चुनाव लड़ना चाहते हैं। कार्यकाल के दौरान राकेश शर्मा के साथ तमाम विवाद भी जुड़े रहे।

12 मार्च को सुनवाई - 
अयोग्य घोषित छह विधायकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की पीठ 12 मार्च को सुनवाई करेगी। सूत्रों के अनुसार, पुलिस में की गई शिकायत में राज्यसभा चुनाव में अनुचित दबाव बनाने, रिश्वत लेने, आपराधिक षड्यंत्र रचने और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराएं जोड़ी गई हैं। आरोप लगाया गया है कि भाजपा विधायकों के साथ मिलकर इन्होंने षड्यंत्र रचा।


लंबी लड़ाई की तैयारी - 
प्राथमिकी करवाकर सरकार ने अयोग्य घोषित विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में होने वाली लड़ाई में अपना पक्ष मजबूत किया है। इसके बाद अयोग्य ठहराए विधायकों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने की संभावना कम हो गई है।

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