भीमताल - एक छात्र पर सात शिक्षक फिर भी फेल, अब शिक्षा महानिदेशक ने इतने दिन में CEO नैनीताल से मांगी रिपोर्ट 

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नैनीताल - उत्तराखंड के नैनीताल जिले के ओखलकांडा क्षेत्र के एक सरकारी स्कूल की हालत ऐसी है कि यहां सात शिक्षक मिलकर भी एक छात्र को पास नहीं करवा पाए। यहाँ दसवीं कक्षा में केवल एक ही छात्र था, और स्कूल में कुल सात शिक्षक नियुक्त थे। इसके बावजूद, वह छात्र बोर्ड परीक्षा में सभी विषयों में फेल हो गया, जिससे शिक्षा विभाग में हलचल मच गई है। 


क्या है मामला - 
नैनीताल जिले के ओखलकांडा में स्थित राजकीय माध्यमिक विद्यालय भद्रकोट में कक्षा 6 से 10 तक कुल सात छात्र हैं, और दसवीं कक्षा में केवल एक छात्र था। स्कूल में सात शिक्षक नियुक्त हैं, जो विभिन्न विषयों की पढ़ाई कराते हैं। दसवीं कक्षा का इकलौता छात्र उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में सभी विषयों में फेल हो गया। मामला हाई लाइट में आने से शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए नैनीताल के मुख्य शिक्षा अधिकारी से तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।

 

यह घटना शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता, जवाबदेही और संसाधनों के प्रभावी उपयोग पर गंभीर प्रश्न उठाती है। जब एक छात्र पर सात शिक्षक होने के बावजूद भी वह फेल हो जाता है, तो यह शिक्षण पद्धति, निगरानी और प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों की ओर इशारा करता है। शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है, और खराब परीक्षा परिणाम के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों की जवाबदेही तय की जाएगी। यह घटना शिक्षा प्रणाली में सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता को रेखांकित करती है।


ओखलकांडा के कई स्कूलों का यही हाल - 
नैनीताल जिले के ओखलकांडा ब्लॉक में शिक्षा का हाल कुछ ऐसा ही है, यहाँ के कई स्कूलों में शिक्षक महज अपनी नौकरी का निर्वाहन करने आते हैं, यह शिक्षक स्कूल के आसपास न रहकर हर रोज हल्द्वानी से कई किलोमीटर आना जाना करते हैं, ऐसे में यह छात्रों को क्या शिक्षा देते होंगे, यह सोचनीय विषय है।  


 

 



 

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