हल्द्वानी - डहरिया स्थित बाबा रामपाल का आश्रम हुआ सील, प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई — जानिए कौन हैं क्रिमिनल संत Baba Rampal 
 

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हल्द्वानी - डहरिया स्थित बाबा रामपाल का आश्रम हुआ सील, प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई — जानिए कौन हैं क्रिमिनल संत Baba Rampal 

हल्द्वानी - शहर के डहरिया स्थित बाबा रामपाल के आश्रम को बुधवार को प्रशासन ने सील कर दिया। यह कार्रवाई सिटी मजिस्ट्रेट एवं प्राधिकरण के संयुक्त सचिव एपी वाजपेई के निर्देश पर की गई। डहरिया क्षेत्र में स्थित आश्रम पर जब प्राधिकरण की टीम पहुंची, तो उनके साथ भारी अर्धसैनिक और पुलिस बल भी मौजूद था। इस दौरान एसपी सिटी प्रकाश चंद्र, सीओ नितिन लोहनी और कोतवाल भी मौके पर तैनात रहे।

प्राधिकरण की जांच में पाया गया कि जिस भवन में आश्रम संचालित किया जा रहा था, वह आवासीय नक्शे के आधार पर बनाया गया था। लेकिन नियमों के विरुद्ध उसमें बड़े स्तर पर निर्माण परिवर्तन कर अलग-अलग कमरे असेंबल किए गए थे। इसके चलते पहले ही आश्रम को नोटिस जारी किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट एपी वाजपेई ने बताया कि आश्रम में बड़ी संख्या में लोगों की आवाजाही होती है, जिससे जनसुविधा और सुरक्षा को लेकर चिंता बनी हुई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए भवन को सील करने की कार्रवाई की गई। गौरतलब है कि इससे पहले कुछ हिंदूवादी संगठनों ने भी आश्रम की गतिविधियों को लेकर शिकायतें दर्ज कराई थीं। प्रशासन अब मामले की विस्तृत जांच कर रहा है।


बाबा रामपाल कौन हैं? Who is Baba Rampal -बाबा रामपाल विवाद

बाबा रामपाल (पूरा नाम: रामपाल सिंह जाट) एक स्वयंभू धार्मिक गुरु हैं, जो हरियाणा के रोहतक जिले के गोहाना इलाके के पास स्थित बरवाला आश्रम के लिए चर्चित हैं। वे खुद को संत कबीर के अनुयायी बताते हैं और "सतलोक आश्रम" नाम से कई आश्रम चलाते हैं। रामपाल कबीरपंथी विचारधारा का प्रचार करते हैं और खुद को "तथाकथित आध्यात्मिक गुरु" के रूप में प्रस्तुत करते हैं।

8 सितंबर 1951, हरियाणा के सोनीपत जिले के धनाना गाँव में इनका जन्म हुआ। पेशे से इंजीनियर: रामपाल हरियाणा सरकार में जूनियर इंजीनियर थे, लेकिन बाद में उन्होंने नौकरी छोड़कर "गुरु" बनना शुरू किया। संत रामदेवानंद से दीक्षा ली और कबीरपंथ का प्रचार शुरू किया। सतलोक आश्रम की स्थापना की, जहां वे प्रवचन देते रहे।


हत्या का मामला - 
रामपाल का नाम कई बड़े विवादों से जुड़ा रहा है, नवंबर 2014 में उनके बरवाला आश्रम में पुलिस और उनके समर्थकों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद पुलिस ने आश्रम से उन्हें गिरफ्तार किया। रामपाल पर कई आपराधिक केस हैं जैसे हत्या, देशद्रोह, हिंसा भड़काना, अवैध कब्जा इन सभी मामलों में उन पर केस दर्ज हुए। 2018 में हरियाणा की एक अदालत ने रामपाल को दोहरे हत्या के मामले में दोषी ठहराया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

रामपाल के देशभर में लाखों अनुयायी हैं, खासकर हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश में। वे टीवी चैनलों, यूट्यूब और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रवचन देते हैं। उनकी किताबें और भाषण मुख्यधारा की हिंदू मान्यताओं, देवी-देवताओं और परंपरागत गुरुओं की आलोचना करते हैं, जिससे कई बार विवाद खड़े हुए हैं।

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