आप भी बारिश में घूमने के हैं शौकीन, तो मध्य प्रदेश की इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों पर जाना न भूलें
मॉनसून के सीजन में घूमने का अपना अलग ही मजा होता है। इस सीजन में मौमस और प्रकृति दोनों का ही रूप निखर जाता है। खूबसूरत वादियां, बारिश और नजारों का मजा लेते हुए हाथ में एक कप कॉफी। जरा सोचिए कितना रिलैक्सिंग फील होगा। अगर आपको भी इस बार मॉनसून का असली मजा लेना है, तो तैयार हो जाइए क्योंकि हम आपको कुछ ऐसी शानदार जगह के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां बारिश में आपका मजा दोगुना हो जाएगा। अगर आप भी कहीं घूमने जाने का प्लान बना रहे हैं तो मध्यप्रदेश पर्यटन स्थल आपके लिए बहुत अच्छी जगह रहेगी जो आपके इन दिनों को यादगार बनाएगी। इसलिए आज हम आपके लिए मध्य प्रदेश की उन जगहों की जानकारी लेकर आए हैं जो बरसात के दिनों में घूमने के लिहाज से बहुत अच्छी जगह हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में ।
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धुंआधार फॉल्स
मानसून के दौरान कुछ रोमांचक एहसास के लिए आप यहां के धुंआधार फॉल्स की सैर का आनंद ले सकते हैं। यह जलप्रपात राज्य के खूबसूरत और आकर्षक झरनों की श्रृंखला में आता है। धुंआधार फॉल्स को जल पवित्र नर्मदा नदी के प्राप्त होता है। एक शांत बहती हुई यह नदी यहां के चट्टानी सफर के दौरान अद्भुत रूप धारण कर लेती है। पानी नीचे गिरते ही तेज बहाव में बदल जाता है, जिसकी आवाज आप दूर से भी सुन सकते हैं। इस जलप्रपात की आवाज किसी जंगल के शेर जैसी लगती है। इसे धुंआधार इसलिए कहा जाता है कि क्योंकि चट्टानों से गिरता तेज पानी अपने चारों तरह पानी की हल्की बौछारों का धुंध पैदा करता है। एक रोमांचक एहसास के लिए आप यहां आ सकते हैं।
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सांची स्तूप
मानसून में कुछ अलग अनुभव के लिए आप यहां के सांची की सैर कर सकते हैं। ऐतिहासिक रूप से यह स्थल न सिर्फ राज्य बल्कि देश का एक महत्वपूर्ण स्थल है। यह एक बौद्ध स्थल जहां आप 12 सदी के बाद बनाए गए प्राचीन स्तूपों को देख सकते हैं। लेकिन आपको बता दें कि मानसून के दौरान यहां के नजारे कुछ अलग ही होते हैं। मानसून की बारिश स्तूप के आसपास के पेड़ों और यहां की हवा को स्वच्छ कर देती है। इस दौरान यहां हरी-भरी वनस्पतियां खुशी से चहक उठती हैं। आप यहां स्तूप के पास एख छोटी झील को भी देख सकते हैं। जो बारिश में पूरी भर सी जाती है। यहां का नजारा देखने लायक है,अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो आपको इस मौसम यहां जरूर आना चाहिए।
मांडू
अपने अद्भुत वास्तुकला के लिए मशहूर मांडू रिमझिम मौसम में हरियाली के बीच देखने लायक होता है। यह इंदौर से मात्र 90 किमी दूर स्थित है। यहां चारों तरफ फैली प्राकृतिक वनस्पतियां इसे एक शानदार प्राकृतिक स्थल बनाने का काम भी करती हैं। यहां का मौसम साल भर खुशनुमा रहता है, खासकर मानसून के दौरान यहां के नजारे देखने लायक होते हैं। यहां की ऐतिहासिक सरंचनाएं इस मौसम अद्भभुत नजर आती हैं। फोटोग्राफी के शौकीन यहां शानदार दृश्यों को अपने कैमरे में उतार सकते हैं। यह स्थल इतिहास में दिलचस्पी रखने वालों और प्रकृति प्रेमियों के लिए काफी खास माना जाता है। मांडू परमार राजाओं की राजधानी रहा है। यहां के महलों की शाही सुंदरता लाजवाब है। यहाँ के दर्शनीय स्थलों में जहाज महल, हिन्डोला महल, शाही हमाम और आकर्षक नक्काशीदार गुम्बद पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मांडू की प्राकृतिक सुंदरता के कारण उसे मालवा का कश्मीर भी कहा जाता है।
भोपाल
झीलों का शहर भोपाल बारिश के मौसम में और भी ज्यादा खूबसूरत हो जाता है। पर्यटक यहां छोटा तालाब, बड़ा तालाब, भीम बैठका, अभयारण्य, शहीद भवन और भारत भवन देखने के लिए आते हैं। यहां की दो झीले शहर को कुदरती रूप से खास बनाने के काम करती है। इस मौसम आप इन झीलों की खूबसूरती के उच्चतम रूपों को देखने का मौका प्राप्त कर सकते हैं। इनके अलावा आप इस दौरान यहां के महलों और खूबसूरत मस्जिदों को देखना न भूलें। 50 किमी की रेंज में आप यहां के खूबसूरत दर्शनीय स्थलों को देख सकते हैं। यहां से करीब 28 किमी दूर भोजपुर मंदिर भी काफी लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।
पचमढ़ी
सीनरी में दिखने वाली प्रकृति के अनोखे दृश्य को अगर करीब से देखने की चाह रखते हैं तो सुहाने मौसम में पचमढ़ी से बेहतर कुछ नहीं हो सकता। भोपाल से 200 किमी दूर ये हिल स्टेशन बारिश के मौसम में और भी खूबसूरत हो जाता है।
जबलपुर
जबलपुर का भेड़ाघाट मध्य प्रदेश के मशहूर स्थलों में से एक है। यहां स्थित धुआंधार वाटर फॉल्स किसी विदेशी जगह से कम नहीं है। यहां नर्मदा नदी का पानी झरने के रूप में काफी ऊंचाई से गिरता है। रात में चांद की रोशनी में संगमरमर की ऊंची-ऊंची चट्टानें भेड़ाघाट की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं।
कैसे पहुंचें पर्यटन स्थल
मध्य प्रदेश आने वाले पर्यटकों के मन में सबसे पहला सवाल यही आता है कि हवाई मार्ग, रेल मार्ग और सडक़ मार्ग की स्थिति एक जैसी ही है। पूरे देश में 125 मुख्य हवाई अड्डे हैं, जिनमें से मध्य प्रदेश की धरती पर सिर्फ 5 हैं। ऐसे में हवाई यात्रा के बजाय लोग ट्रेन या सडक़ का इस्तेमाल करना ज्यादा पसंद करेंगे।