कश्मीर का पवित्र शहर अनंतनाग, जिसे ”धरती का स्वर्ग” नाम से भी जाना जाता है, जानिए यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल
अनंतनाग जिला जिसे जम्मू और कश्मीर की व्यापारिक राजधानी कहा जाता है, कश्मीर घाटी के दक्षिणी पश्चिमी भाग में स्थित है। यह क्षेत्र कश्मीर घाटी के विकसित क्षेत्रों में से एक है। हर साल यहां करोड़ों की तादाद में सैलानियों का आगमन होता है। बर्फीली पहाडय़िों, नदी, झील, झरनों और चारों तरफ फैली हरियाली पर्यटकों को काफी ज्यादा उत्साहित करने का काम करती हैं। ये शहर एक अद्भुत पर्यटन स्थल है जहां उमस भरे ग्रीष्मकाल के दौरान पर्यटकों की भीड़ लगी रहती है। कश्मीर के इस हिस्से को ‘द पैराडाइज़ ऑन अर्थ’ कहा जाता है। यहां पर आपको हिमालय के खूबसूरत नज़ारे देखने को मिलेंगे,जिस वजह से पर्यटकों को ये जगह बहुत पसंद आती है।
Jammu-Kasmir Tourist Destination Ananatnag
हालांकि, इन भव्य उद्यानों को एक मुस्लिम शासक द्वारा बनवाया गया था। राजपरिवार के सदस्यों ने छुट्टियां बिताने और अपने मनोरंजन के लिए यहां कदम रखा था। उन्हें कश्मीर में चारों ओर फैला प्राकृतिक सौंदर्य खूब पसंद आया। यहां पर अचाबेल गार्डन, लिद्दर व्यू पार्क, शेरबाग पार्क और ऐशमुकम पार्क दर्शनीय हैं। ‘नाग’ शब्द के कई अर्थ हैं- जिनमें से एक ‘स्प्रिंग्स’ मतलब कि एक लय में गिरते हुए झरने। यहां पर असंख्य मंत्रमुग्ध करने वाले स्प्रिंग्स हैं जिनकी सुंदर संरचनाएं पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देती हैं और मुगल काल की याद दिलाती हैं। मार्तंड सूर्य मंदिर अनंतनाग का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है।
अनंतनाग के प्रमुख तीर्थ
यह स्थान अपने अनेक धार्मिक स्थलों के कारण पर्यटकों में लोकप्रिय है, जो हिंदू और मुस्लिम दोनों के लिए धार्मिक महत्व के हैं। अनंतनाग जिले के कुछ प्रमुख धार्मिक स्थलों में हजरत बाबा रेशी, गोस्वामी गुंड आश्रम, शालीग्राम मंदिर, नीला नाग मंदिर, आदि आते हैं। इस क्षेत्र के परिसर में सात मंदिर आते हैं जिसके अंतर्गत हनुमान मंदिर, शिव मंदिर, सीता मंदिर और गणेश मंदिर आते हैं। मंदिरों तथा धार्मिक स्थलों के अलावा पर्यटक यहाँ कई झरनों जैसे सलाग नाग, मलिक नाग और नाग बल भी देख सकते हैं।
यह भी पढ़ें- ‘औली’- भारत का स्विट्रलैंड ! मन को सकून देता है यहां का वातावरण , बर्फबारी का आनंद लेना है तो चले आइए औली
अनंतनाग आने का सही समय
गर्मी के मौसम में इस जगह पर आना सही रहता है। आप यहां मॉनसून की शुरुआत के साथ-साथ मई से अक्टूबर के गर्म महीनों के दौरान आ सकते हैं। अनंतनाग के दर्शनीय स्थलों को देखने के लिए यह अनुकूल समय है क्योंकि इस दौरान यहां का तापमान 25 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा नहीं रहता है।
अनंतनाग की संस्कृति
यहां पर संत लोगों की मृत्यु वर्षगांठ पर जिआरत या उर्स के नाम से उत्सव मनाए जाते हैं। उर्स के दौरान ऐशमुकम मंदिर के पास विशाल मेला लगता है और दुनियाभर से श्रद्धालु एवं पर्यटक इस मेले को देखने के लिए आते हैं। यहां का एक और शानदार त्योहार है ईद-उल-फितर। कश्मीरी लोगों का मुख्य व्यंजन मांसाहार ही है। यहां पर आपको रोजंजोश, यखनी और किलेय्या का स्वाद चखने को मिलेगा। कश्मीर के इस शहर में कड़ाके की ठंड पड़ती है और इस मौसम में गरमागरम चाय का लुत्फ ही कुछ और होता है। इस चाय में दूध, क्रीम,अखरोट और बादाम का मिश्रण होता है। स्थानीय चाय को नून चाय के रूप में जाना जाता है।
यह भी पढ़ें- बाबा अमरनाथ की पवित्र गुफा का क्या है रहस्य, जानिए क्यों करते हैं लोग यहां की यात्रा
अनंतनाग के पर्यटन स्थल
जम्मू की यात्रा के दौरान वेरीनाग रास्ते में पड़ता है और इसका चमकता हुआ नीला पानी पर्यटकों को आश्चर्यचकित कर देता है। यहां के बगीचों और समर हाउस को भी नजऱअंदाज नहीं किया जा सकता है। सम्राट जहांगीर ने एक अष्टकोणीय फुटपाथ भी बनाया था, जो पानी के फव्वारे के चारों ओर बनाया गया था। सम्राट को वेरीनाग की मंत्रमुग्ध करने वाली आभा ने प्रसन्न कर दिया था। यह रिसॉर्ट अनंतनाग शहर से 26 किमी की दूरी पर तहसील शाहाबाद बाला में स्थित है। इस स्थान पर एक शानदार बंगला, एक विश्राम गृह और कुछ झोपडिय़ां देख सकते हैं।
अच्छाबल : अच्छाबल जैसा शानदार झरना सोनसनवर पहाड़ी से निकलता है और इसे सम्राट जहांगीर द्वारा एक आनंददायक और सुंदर इकाई के रूप में प्रतिष्ठित किया गया था। अच्छाबल का वास्तविक स्रोत ब्रेंगी नाला है जोकि लाइमस्टोन के साथ पृथ्वी की एक दरार या विभाजन के माध्यम से देवलगाम में अदृश्य हो जाता है। इस चमचमाते झरने की भव्यता देखकर पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं। यहां पर मुगल उद्यानों को फव्वारों से सजाया गया है।
पहलगाम: यह जम्मू और कश्मीर के सबसे आकर्षक हैल्थ रिसॉर्ट्स में से एक है जो जिला अनंतनाग के उत्तर-पूर्व में स्थित है। ये रिजॉर्ट पहाडियों और हरे-भरे जंगलों से घिरा हुआ है। यहां की जलवायु काफी सुखद और सुविधाजनक है जबकि लिद्दर नाला का शांत पर्यावपरण भी पर्यटकों को आकर्षित करता है। अमरनाथ गुफा की यात्रा के दौरान यह प्रमुख पारगमन शिविर के रूप में भी कार्य करता है। यहां से जिला मुख्यालय से 72 किलोमीटर दूर स्थित पवित्र अमर नाथ जी गुफा के लिए यात्रा की जाती है।
मार्तंड सूर्य मंदिर : अनंतनाग जिले से केवल 9 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित है मार्तंड सूर्य मंदिर जिसे सूर्य वंश के क्षत्रिय राजा लीलादित्य द्वारा निर्मित किया गया था। यह मंदिर अपनी अद्भुत आर्यन संरचना के लिए काफी लोकप्रिय है। यह मंदिर कश्मीरी हिंदुओं की कुशल कला का परिचय देता है और यह पवित्र स्थान भास्कर या सूर्य देव को समर्पित है। वर्गाकार आकार का ये मंदर चूना पत्थर से बना है। आपको बर्फ से ढके पहाड़ों के करीब मंदिर के खंडहर मिलेंगे। अपनी उत्कृष्ट कला, डिजाइन और सुंदरता के मामले में ये मंदिर ताजमहल, पार्थियन और सेंट पीटर्स का मुकाबला करता है।
अमरनाथ जी गुफा : यह अनंतनाग के जिला मुख्यालय से लगभग 46 किमी दूर तहसील पहलगाम में है। अमरनाथ गुफा की यात्रा के दौरान ही आपको इस पवित्र स्थान पर आने का मौका मिल सकता है। अमरनाथ यात्रा की शुरुआत श्रीनगर से होती है। इस स्थान पर भगवान शिव वास करते हैं। अमरनाथ गुफा में भगवान शिव, देवी पार्वती और पुत्र महा गणेश बर्फ के शिवलिंग के रूप में उपस्थित हैं। चंद्रमा के आकार के साथ-साथ अमरनाथ के शिवलिंग का आकार भी बदलता रहता है।
मस्जिद सैय्यद शाब : इस स्थान को हजऱत सैय्यद मोहम्मद इनायत-उल्लाह कादरी के लिए एक श्रद्धांजलि के रूप में निर्मित किया गया था एवं यह एक खूबसूरत मस्जिद है जिसे 1528 ईस्वी में मध्य एशिया के अन्य शिष्यों के साथ मिलकर बनाया गया था। इस मस्जिद का स्थान एनीकट का निचला हिस्सा मार्तंड पठार है। सैय्यद मोहम्मद इनायत-उल्लाह कादरी का 75 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनके शरीर को एक मंदिर में बड़े करीने से दफनाया गया था जो मस्जिद के करीब ही था। इस्लामी कैलेंडर के अनुसार 8वें शाबान को संत सैय्यद साहब की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है। इस दौरान इस मस्जिद के दर्शन करने आ सकते हैं।
कैसे पहुंचे अनंतनाग
वायु मार्ग द्वारा : श्रीनगर हवाई अड्डे को शेख उल आलम हवाई अड्डे के नाम से भी जाना जाता है। अंतरराष्ट्रीय एयरलाइंस की बात करें तो भारत के कई राज्यों और शहरों से अंतर्राष्ट्रीय फ्लाइट्स आती हैं। अगर आप एयर इंडिया से यात्रा कर रहे हैं तो जेद्दाह, गोवा, मुंबई, दिल्ली, लेह और जम्मू के लिए आपको फ्लाइट मिल जाएगी। गोएयर आपको मुंबई, जम्मू के साथ-साथ दिल्ली तक उड़ान भरने में मदद करेगी। स्पाइसजेट की यह विशेषता है कि आप बैंगलोर, चंडीगढ़, अमृतसर, गोवा, दिल्ली, मुंबई और जम्मू से भी यहां आ सकते हैं।
रेल मार्ग द्वारा : रेल मार्ग से अनंतनाग पहुंचना भी काफी दिलचस्प अनुभव है। यहां का रेलवे स्टेशन अनंतनाग रेलवे स्टेशन के नाम से जाना जाता है और यह भारतीय रेलवे के उत्तरी रेलवे क्षेत्र के अंतर्गत आता है। कश्मीर रेलवे जो बारामूला और काजीगुंड तक अपना परिचालन करती है, उसी के द्वारा अनंतनांग रेलवे स्टेशन का संचालन किया जाता है। एक्सप्रेस ट्रेनों को आमतौर पर यहां रुकने की अनुमति नहीं है इसलिए आपको एक्सप्रेस से यात्रा करने पर आपको जम्मू तवी रेलवे स्टेशन पर उतरना होगा।
सडक़ मार्ग द्वारा : अगर आप सडक़ मार्ग से यात्रा कर रहे हैं, तो बस आपके लिए सबसे अच्छा विकल्प है। आपको हुसैनाबाद के केपी रोड में इसका बस स्टॉप मिलेगा जो कि हिमालय पर्वत श्रृंखला के खूबसूरत नज़ारों से रूबरू होने का अवसर देगा। इसके आस-पास के क्षेत्रों से जम्मू-कश्मीर परिवहन विकास निगम द्वारा संचालित बसें भी उपलब्ध हैं। आपको जम्मू, पहलगाम, कोकेरनाग और श्रीनगर जैसे महत्वपूर्ण स्थानों के लिए नियमित बसें मिलेंगी। श्रीनगर से अनंतनाग की यात्रा में एक घंटे का समय लगता है जबकि जम्मू से लगभग 4 घंटे लगते हैं।