पिथौरागढ़-सेना और ग्रामीण इस बात को लेकर आमने-सामने, अधिकारियों ने की सेना पर ये बड़ी कार्यवाही

पिथौरागढ़-जहां एक ओर पूरा देश सेना की लिए हमेशा खड़ा रहता है। वहीं पिथौरागढ़ जिले के एक गांव के लोग सेना के खिलाफ खड़े हो गये। ऐसे में सेना और ग्रामीण आमने-सामने आ गये। पूरा मामला पिथौरागढ़ जिले के सुवाकोट गांव का है। जहां भारतीय सेना की स्थानीय इकाई ने सुवाकोट गांव में 60 हजार
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पिथौरागढ़-सेना और ग्रामीण इस बात को लेकर आमने-सामने, अधिकारियों ने की सेना पर ये बड़ी कार्यवाही

पिथौरागढ़-जहां एक ओर पूरा देश सेना की लिए हमेशा खड़ा रहता है। वहीं पिथौरागढ़ जिले के एक गांव के लोग सेना के खिलाफ खड़े हो गये। ऐसे में सेना और ग्रामीण आमने-सामने आ गये। पूरा मामला पिथौरागढ़ जिले के सुवाकोट गांव का है। जहां भारतीय सेना की स्थानीय इकाई ने सुवाकोट गांव में 60 हजार लीटर के नवनिर्मित पेयजल टैंक का तोड़ दिया। फिर क्या था जैसे ही इसका पता ग्रामीणों को चला उन्होंने सेना का विरोध शुरू कर दिया। इस दौरान मौके पर हंगामा हो गया।

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खबर स्थानीय विधायक और अधिकारियों तक पहुंची तो वह दौड़े-दौड़े मौके पर पहुंचे। इस दौरान पेयजल टैंक तोडऩे का सेना ठोस जवाब नहीं दे पायी। जल निगम और सुवाकोट ग्राम पंचायत की ओर से सेना इकाई के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है। प्रशासन ने सार्वजनिक संपत्ति को ध्वस्त करने में उपयोग की गई मशीन को सीज कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि 15 दिन पूर्व ही साढ़े छह लाख की लागत से साठ हजार लीटर क्षमता का पेयजल टैंक बनाया गया था। टैंक से करीब तीन हजार की आबादी को पानी सप्लाई होना था।

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बताया जा रहा है कि टैंक तोडऩे की आवाज सुनकर ग्राम प्रधान राकेश कुमार की अगुवाई में ग्रामीण मौके पर पहु़ंचे तो बढ़े तो सेना के जवानों ने उन्हें रोक लिया। इसे एक्सरसाइज बताते हुए मौके पर नहीं जाने दिया गया। शुक्रवार सुबह पेयजल टैंकए व्यू प्वाइंट और आम रास्ते ध्वस्त मिले। जिसको लेकर ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया। सूचना पर सुबह सात बजे विधायक चंद्रा पंत, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, एसडीएम (सदर) तुषार सैनी, जल निगम के अधिशासी अभियंता आरएस धर्मशक्तू गांव पहुंच गए। प्रशासन ने सेना की स्थानीय इकाई से सम्पर्क किया। सेना की ओर से संबंधित भूमि को अपना बताया गया। जिसके बाद मौके पर ही भू-अभिलेख मंगाए गए। भू,अभिलेख में सेना के मालिकाना हक की पुष्टि नहीं हुई। उपजिलाधिकारी ने मौके पर खड़ी जेसीबी को सीज कर पुलिस को सौंप दी। इसके बाद दोपहर बाद जल निगम और ग्राम पंचायत की ओर से पेयजल टैंक ध्वस्त करने, व्यू प्वाइंट और आम रास्तों को क्षतिग्रस्त करने के दो मुकदमे जाजरदेवल थाने में दर्ज कराए गए। अब पुलिस इस मामले की जांच करेगी।