नई दिल्ली- पीएम मोदी की इस नई योजना का 8350 गांवों को मिलेगा लाभ, देश में भूजल की समस्या ऐसे होगी दूर
PM Narendra Modi Atal Bhujal Yojna, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को अटल भूजल योजना को मंजूरी दे दी जिसका लक्ष्य अत्यधिक भूजल के दोहन वाले राज्यों में सामुदायिक हिस्सेदारी के साथ टिकाऊ भूजल प्रबंधन करना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाजपेयी की जयंती पर इस योजना की शुभारंभ कर दिया हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘पानी का ये संकट एक परिवार के रूप में, एक नागरिक के रूप में हमारे लिए चिंताजनक तो है ही साथ ही एक देश के रूप में भी ये विकास को प्रभावित करता है। न्यू इंडिया को हमें जल संकट की हर स्थिति से निपटने के लिए तैयार करना है।
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इसके लिए हम पांच स्तर पर एक साथ काम कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि ‘जल शक्ति मंत्रालय ने इस संकलित दृष्टिकोण से पानी को बाहर निकाला और व्यापक दृष्टिकोण को बल दिया। इसी मानसून में हमने देखा है कि समाज की तरफ से, जलशक्ति मंत्रालय की तरफ से जल संरक्षण के लिए कैसे व्यापक प्रयास हुए हैं।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर के मुताबिक इस योजना के तहत पानी की समस्या से निपटने के लिए अटल भूजल योजना लाई गई है। इस पर 5 साल में 6000 करोड़ रुपये का खर्च होगा। जिसमें से 3000 करोड़ रुपये वर्ल्ड बैंक और 3000 करोड़ रुपये सरकार देगी।
Union Cabinet approves Atal Bhujal Yojana (ATAL JAL) with total outlay of Rs 6000 crore to be implemented over a period of 5 years in identified areas in Gujarat, Haryana, Karnataka, Madhya Pradesh, Maharashtra, Rajasthan and Uttar Pradesh.
— ANI (@ANI) December 24, 2019
गौरतलब है कि नीति आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि लगातार घट रहा भूजल स्तर वर्ष 2030 तक देश में सबसे बड़े संकट के रूप में उभरेगा। केंद्रीय भूजल बोर्ड तथा राज्य भूजल विभागों के आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल मूल्यांकित 6584 इकाई (ब्लाक/तालुका/मंडल) में से 1034 इकाइयों को अत्यधिक दोहन की गयी इकाइयों की श्रेणी में रखा गया है। सामान्यतः इन्हें ‘डार्क ज़ोन’ (पानी के संकट की स्थिति) कहा जाता है।
क्या है अटल भूजल योजना?
इस योजना का लक्ष्य देश के उन इलाकों में भूजल के स्तर को ऊपर उठाने का है जिन इलाकों में भूजल का स्तर काफी नीचे चला गया है। योजना का उद्देश्य भूजल की मात्रा में इजाफा करना है। साथ ही किसानों को फायदा पहुंचाने के उद्देश्य से भी ये योजना केंद्र सरकार की ओर से लाई गई है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार किसानों को खेती के लिए पर्याप्त मात्रा में जल भंडारण सुनिश्चित कराना चाहती है। साथ ही सरकार का कहना है कि इस योजना के जरिए किसानों की आय दोगुनी करने में भी मदद मिलेगी।
किसे मिलेगा लाभ?
इस योजना का लाभ छह राज्यों को मिलेगा। इस योजना में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, राजस्थान और महाराष्ट्र शामिल हैं। सरकार के मुताबिक इस योजना से 8350 गांवों को लाभ मिलेगा।
क्या है अटल टनल योजना?
वहीं दूसरी अटल टनल योजना मनाली से लेह तक होगी। इस योजना को 2005 में ही मंजूरी मिली थी। इसके लिए 4000 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। कुल 8.8 किलोमीटर लंबी इस योजना का तकरीबन 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दावा किया गया है कि यह विश्व का सबसे ऊंचा टनल होगा।