LOCKDOWN: मजहब छोड़ निभाया इंसानियत का धर्म, खून देकर बचायी जान

बरेली: कोरोना (Corona) के समय में लोग जाति धर्म को भूलकर जरूरतमंदों की सहायता कर रहे हैं। कहा गया है इंसानियत (Humanity) सभी धर्मों से बड़ी होती है। बरेली के अशोक को जब खून की जरूरत पड़ी तो रियाज सकलैनी ने खून देकर उनकी जान बचाई और गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल कायम की
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LOCKDOWN: मजहब छोड़ निभाया इंसानियत का धर्म, खून देकर बचायी जान

बरेली: कोरोना (Corona) के समय में लोग जाति धर्म को भूलकर जरूरतमंदों की सहायता कर रहे हैं। कहा गया है इंसानियत (Humanity) सभी धर्मों से बड़ी होती है। बरेली के अशोक को जब खून की जरूरत पड़ी तो रियाज सकलैनी ने खून देकर उनकी जान बचाई और गंगा जमुनी तहजीब की एक मिसाल कायम की है।
LOCKDOWN: मजहब छोड़ निभाया इंसानियत का धर्म, खून देकर बचायी जानक्योलड़िया निवासी अशोक गुर्दे की बीमारी से पीड़ित हैं। उनकी हालत बिगड़ने पर उनके पड़ोसी रियाज सकलैनी ने न सिर्फ उनको अस्पताल (Hospital) पहुंचाया बल्कि उन्हें खून भी दिया। जब अशोक की तबीयत खराब हुई तब उन्हें खून की जरूरत पड़ी लॉकडाउन (lockdown) के कारण रिश्तेदार खून देने नहीं आ पाए। जिसके बाद रियाज ने खून देकर उनकी मदद की। रियाज पहले भी तीन बार अशोक को खून दे चुके हैं।

रियाज ने बताया कि हमारे क्षेत्र में दोनों समुदाय के लोग एक साथ रहते हैं। अशोक की किडनी खराब है जिसको लेकर घर वाले कई बार खून दे चुके हैं और जब अशोक को और खून की जरूरत पड़ी तो मैंने खून दिया है। हमारे क्षेत्र में लोगों में बहुत ही प्यार हैं और त्योहारों पर एक दूसरे के घर जाकर बधाई भी देते हैं।

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