LOCKDOWN: ”कोरोना से भले ही न मरें लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे”, गरीबों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

BAREILLY: कोरोना वायरस (Corona virus) की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन को 19 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को 20 दिन से ज्यादा हो चुके हैं। गरीब मजदूरों को काम न मिलने के कारण उनकी दिक्कतें बढ़ती ही जा रही हैं। राशन व खाने का सामान की कमी के चलते
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LOCKDOWN: ”कोरोना से भले ही न मरें लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे”, गरीबों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार

BAREILLY: कोरोना वायरस (Corona virus) की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने लॉकडाउन को 19 दिन के लिए और बढ़ा दिया है। लॉकडाउन को 20 दिन से ज्‍यादा हो चुके हैं। गरीब मजदूरों को काम न मिलने के कारण उनकी दिक्‍कतें बढ़ती ही जा रही हैं। राशन व खाने का सामान की कमी के चलते शहर के कई परिवार भुखमरी की कगार पर आ चके हैं। शहर के चौपुला में स्थित गिहार बस्ती के परिवार का कहना है कि कुछ दिन तो समाजसेवी बस्ती में आकर मदद करते रहे लेकिन पिछले दो दिन से सरकार व समाजसेवी (Government and Social Services) से मदद न मिलने के कारण परिवार का चूल्हा ठंडा पड़ा हुआ है। 
LOCKDOWN: ”कोरोना से भले ही न मरें लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे”, गरीबों ने प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
लॉकडाउन (Lockdown) का समय बढ़़ने के साथ ही गरीब मजदूरों की दिक्‍कतें भी बढ़ने लगी हैं। कोतवाली क्षेत्र के गिहार बस्ती की रहने वाली हिना ने बताया कि उसके परिवार में माता-पिता की मौत के बाद घर चलाने की जिम्मेदारी बड़े भाई इमरान पर आ गई। परिवार में भाभी उनका एक छोटा बेटा और दो भाई-बहन है। लॉकडाउन के चलते कोई काम भी नहीं चल रहा है। कोटेदार ने भी लाकडाउन जैसी संकट की घड़ी में छह यूनिट पर दो यूनिट राशन कम दिया, जो कुछ दिन चलने के बाद अब खत्म हो गया। कुछ दिन तो समाजसेवी बस्ती में आकर मदद करते रहे। लेकिन पिछले दो दिन से किसी समाजसेवी के न आने से इस परिवार का चूल्हा ठंडा पड़ा हुआ है। ऐसा ही चलता रहा तो कोरोना (Corona virus) से भले ही न मरें लेकिन भूख से जरूर मर जाएंगे। अकेला हिना का ही नहीं इस तरह के और भी परिवार हैं। ऐसे में जरूरत है कि प्रशासन और समाजसेवियों को इन जरूरतमंद परिवारों के पास जाकर राशन व भोजन की समस्‍यांओं को दूर करें।

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