हरिद्वार-लॉकडाउन से गंगा के पानी में सुधार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड ने ऐसे की पुष्टि

लॉकडाउन से गंगा के पानी की सेहत में भी सुधार हुआ है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड के आकलन से इसकी पुष्टि हुई है। देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार में हरकी पैड़ी तक गंगा में हानिकारक जीवाणुओं की संख्या में कमी आई है और अन्य तरह की गंदगी भी कम हुई है।लॉकडाउन के चलते लोगों
 | 
हरिद्वार-लॉकडाउन से गंगा के पानी में सुधार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड ने ऐसे की पुष्टि

लॉकडाउन से गंगा के पानी की सेहत में भी सुधार हुआ है। राज्य प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड के आकलन से इसकी पुष्टि हुई है। देवप्रयाग से लेकर हरिद्वार में हरकी पैड़ी तक गंगा में हानिकारक जीवाणुओं की संख्या में कमी आई है और अन्य तरह की गंदगी भी कम हुई है।लॉकडाउन के चलते लोगों घरों में अंदर है। ऐसे में गंगा में हर दिन प्रदूषित होने वाली चीजें का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। लॉकडाउन के बाद गंगा का पानी अब अधिक साफ और नीला दिखाई दे रहा है। अब राज्य पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आकलन से इसकी पुष्टि हो गई है।

हरिद्वार-लॉकडाउन से गंगा के पानी में सुधार, राज्य प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण बोर्ड ने ऐसे की पुष्टि
इधर बोर्ड की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार हर की पैड़ी में बायो ऑक्सीजन डिमांड करीब 20 प्रतिशत कम हुई है। इससे साफ होता है कि यहां जीवाणुओं को अब जैविक कणों को तोडऩे के लिए बीस प्रतिशत कम ऑक्सीजन की जरूरत हो रही है। हरकी पैड़ी में इस जीवाणु की उपस्थिति मार्च 2020 में 26 प्रतिशत पाई गई थी जो घटकर 17 प्रतिशत रह गई है। उधर लक्ष्मणझूला ऋषिकेश में कोलीफार्म बैक्टीरिया में करीब 47 प्रतिशत तक की कमी पायी है। बोर्ड का मानना है कि अब यह पानी क्लास ए का है। इससे पानी को क्लोरीन के साथ पीने के उपयोग में लाया जा सकता है।

यहाँ भी पढ़े

देहरादून-युवाओं को cm की प्रेम भरी चिट्ठी हो गई वायरल, आप भी जनिये TSR का मास्टर स्ट्रोक

हल्द्वानी-जिले में बाहर से आने वालों लोगों का ऐसे होगा सत्यापन, डीएम ने गठित की टीमें