हरिद्वार-इन दो तिथियों में स्नान करने पर मानने होंगे ये नियम, देखियें कौन से है दो खास तिथियां

हरिद्वार-कुम्भ मेले को कोविड संक्रमण से सुरक्षित कराने को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन कराने को मेल प्रशासन और स्थानीय जिला प्रशासन भी संकल्पित है। आगामी 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 16 फरवरी को बसंत पंचमी पर होने वाले स्नान के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को
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हरिद्वार-इन दो तिथियों में स्नान करने पर मानने होंगे ये नियम, देखियें कौन से है दो खास तिथियां

हरिद्वार-कुम्भ मेले को कोविड संक्रमण से सुरक्षित कराने को केंद्र और राज्य सरकार की ओर से जारी एसओपी का पालन कराने को मेल प्रशासन और स्थानीय जिला प्रशासन भी संकल्पित है। आगामी 11 फरवरी को मौनी अमावस्या और 16 फरवरी को बसंत पंचमी पर होने वाले स्नान के लिए बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को एसओपी का पालन करना होगा। यह एसओपी फिलहाल दो दिन 11 फरवरी और 16 फरवरी स्नान के लिये लागू की जाएगी। इसमें ढिलाई पर वैधानिक कारवाई भी होगी।

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एसओपी के अनुपालन में होटल में ठहरने वाले यात्रियों को कोविड निगेटिव रिपोर्ट भी दिखानी होगी। वहीं गंगा घाटोंऔर सार्वजनिक स्थानों पर भी कोविड नियमों के तहत सोशल डिस्टेंशिंग और मास्क लगाए रखना होगा। इन दोनों स्नानों के बीच की अवधि में सामान्य रूप से व्यवस्था लागू रहेगी। इसको लेकर मेला प्रशासन और जिला प्रशासन ने बैठकों में दिशा-निर्देश भी जारी किया है। इसका पालन सभी को हर हाल में करना होगा।

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नियमों के अनुपालन के लिए होटल व्यवसायी, धर्मशाला प्रबंधन, रेस्टोरेंट और अन्य कारोबारियों के साथ बैठक में भी जानकारी दी जा चुकी है। मेला व जिला प्रशासन के अधिकारियों ने कुम्भ व अन्य धार्मिक आयोजन के दौरान कोरोना संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशीलता को देखते हुए सभी से सहयोग की अपेक्षा की है। जिससे सुरक्षित कुम्भ का सफलतापूर्वक आयोजन हो सकें, जो सरकार की पहली प्राथमिकता है। इसके लिए सभी को प्रचार माध्यमों से जागरूक भी किया जा रहा है। श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को देखते हुए प्रशासन द्वारा जारी लिंक, पोर्टल पर अनिवार्य पंजीकरण, आरटीपीसीआर टेस्ट रिपोर्ट अवश्य अपलोड करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। असुविधा की स्थिति में प्रशासन की ओर से जारी कोरोना हेल्प लाइन नंबर पर संपर्क कर सहयोग लिया जा सकता है।