हल्द्वानी- इस IFS अफसर ने इतनी कठिनाईयों से जीती कोरोना से जंग, बेटे का हाल सुनते ही रोने लगते थे परिजन

आज अपनी खबर में हम आपको उत्तराखंड के ऐसे कोरोना पीड़ित ट्रेनी आईएफएस ऑफीसर की दासतां बताने जा रहे है। जिसके जज्बे के आगे मौत ने भी घुटने टेक दिये। ट्रेनी आईएफएस अफसर उदयपुर राजस्थान का रहने वाला हैं। जो देहरादून की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में अपने साथियों के साथ प्रशिक्षण ले रहा
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हल्द्वानी- इस IFS अफसर ने इतनी कठिनाईयों से जीती कोरोना से जंग, बेटे का हाल सुनते ही रोने लगते थे परिजन

आज अपनी खबर में हम आपको उत्तराखंड के ऐसे कोरोना पीड़ित ट्रेनी आईएफएस ऑफीसर की दासतां बताने जा रहे है। जिसके जज्बे के आगे मौत ने भी घुटने टेक दिये। ट्रेनी आईएफएस अफसर उदयपुर राजस्थान का रहने वाला हैं। जो देहरादून की इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी में अपने साथियों के साथ प्रशिक्षण ले रहा था। अकादमी के निर्देश पर 62 ट्रेनी अफसर अलग-अलग ग्रुपों में पिछले दिनों विभिन्न देशों में ट्रेनिंग टूर के लिए रवाना हुए थे।

हल्द्वानी- इस IFS अफसर ने इतनी कठिनाईयों से जीती कोरोना से जंग, बेटे का हाल सुनते ही रोने लगते थे परिजन

जिसमें राजस्थान के दीक्षित भी 28 फरवरी को ऑफिशियल ट्रेनिंग के लिए स्पेन के लिए निकले। 11 मार्च को ट्रेनिंग खत्म करके सुबह दिल्ली और शाम को देहरादून अकादमी पहुंचे। इस बीच विदेश से आने की वजह से उनकी जांच की गई। साथ ही सभी 62 ट्रेनी अफसरों की भी जांच हुई। 62 में से एक साथी में कोरोना की पुष्टि होने के बाद दर्शन का सैंपल 16 मार्च को जांच के लिए भेजा गया और 19 मार्च को उनकी भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई।

डरे नहीं अपने जज्बे में डटे रहे

कोरोना होने की बात से दर्शन को कही न कही डर तो लगा लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी, सबसे पहले उन्होंने इस बात की सूचना फोन पर अपने घरवालों को दी। अपने बेटे में कोरोना जैसी बीमारी होने का पता लगते ही घरवाले भी घबरा गए और वे फोन पर ही रोने लगे। फोन पर घरवालों को बिलकता देख वह टूटे नहीं, ना ही उन्होंने हार मानी और ठीक होने की ठान ली। जिसके बाद डॉक्टरों की टीम ने दर्शन को आईसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया। एक इंटरव्यू में दर्शन ने बताया कि इससे पहले वो कभी भी अस्पताल में इतने दिन के लिए भर्ती नहीं हुआ।

लेकिन आईसोलेशन में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसका कोरोना वायरस से लड़ने में पूरा साथ दिया। उसको लगातार ठीक हो जाओगे घबराओं नहीं बोलकर, मनोबल कम नहीं होने दिया। दर्शन ने भी डॉक्टरों की कही हर एक बात को गंभीरता से लेते हुए उसका पालन किया। उसकी माने अगर डॉक्टरों की पूरी सलाह मानी जाए तो यह बीमारी एक दम ठीक हो सकती है। कोरोना बीमारी से घबराने और डरने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है बल्कि डॉक्टरों की ओर से दी जा रही सलाह का पालन करें।

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