हल्द्वानी -अब ऐसे मिलेगा हल्द्वानी शहर को शुद्ध पानी, डीएम बंसल की प्लानिंग लाई रंग

हल्द्वानी – लंबे अर्से पहले हल्द्वानी व उसके आसपास निवास कर रहे लोगों को गौला नदी से पेयजल जल के लिए प्राप्त होने वाले शुद्व पानी की आपूर्ति मे जल संस्थान के फिल्टर प्लांटों का अहम भूमिका रही है। 1960 के दशक में स्थापित फिल्टर प्लांटों को इस समय आवश्यक मरम्मत एवं उच्चीकरण की आवश्यकता
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हल्द्वानी -अब ऐसे मिलेगा हल्द्वानी शहर को शुद्ध पानी, डीएम बंसल की प्लानिंग लाई रंग

हल्द्वानी – लंबे अर्से पहले हल्द्वानी व उसके आसपास निवास कर रहे लोगों को गौला नदी से पेयजल जल के लिए प्राप्त होने वाले शुद्व पानी की आपूर्ति मे जल संस्थान के फिल्टर प्लांटों का अहम भूमिका रही है। 1960 के दशक में स्थापित फिल्टर प्लांटों को इस समय आवश्यक मरम्मत एवं उच्चीकरण की आवश्यकता है इसके ध्यान में रखते हुये तथा लोगों को निर्वाध शुद्व पेयजल आपूर्ति होती रहे, इसके लिए जिलाधिकारी सविन बंसल ने कदम उठाया है। गुजरे 15 वर्षो से किसी भी प्रकार की धनराशि प्लांटों की मरम्मत एवं उच्चीकरण के लिए जलसंस्थान को नही मिल पायी है। जिलाधिकारी ने पेयजल की संवेदनशीलता एवं शुद्व पेयजल की आपूर्ति बनाये रखने के लिए खनन न्यास निधि से शीशमहल प्लांट के लिए 17 लाख तथा शीतलाहाट प्लांट के लिए 20 लाख कुल 37 लाख धनराशि निर्गत की है।

हल्द्वानी -अब ऐसे मिलेगा हल्द्वानी शहर को शुद्ध पानी, डीएम बंसल की प्लानिंग लाई रंग

जिलाधिकारी ने बताया कि हल्द्वानी-काठगोदाम नगरीय पेयजल योजना के लिए शीतलाहाट जलस्रोत से शीतलाहाट फिल्टर प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने तथा अन्य कार्यो के लिए 20 लाख की धनराशि जलसंस्थान को खनन न्यास निधि से जारी कर दी गई है। इस धनराशि से शीतलाहाट जलस्रोत से प्लांट तक कच्चे जल की मात्रा को बढ़ाये जाने हेतु 150 एमएम व्यास की पाइप लाइन की आपूर्ति एवं बिछाने का कार्य किया जायेगा। 3 नग स्लूस/गेटवाल्वों की आपूर्ति एवं स्थापना का कार्य, पाइप लाइन को बिछाने हेतु खुदान का कार्य, खुदे हुये भाग को पाइप लाइन बिछाये जाने के बाद रिस्टोर किये जाने का कार्य, पाइन लाइन के स्वरेखण की आवश्यकता अनुसार पाइप लाइन की सुरक्षा दीवार निर्माण कार्य तथा शीतलाहाट फिल्टर प्लांट में स्थिति 20 हजार केएल क्षमता के जलाशय की सफाई कार्य किया जायेगा।

शीशमहल प्लांट के चार नग फिल्टर प्लांट की सुरक्षा एवं निगरानी हेतु 18 सीसी टीवी कैमरे लगाये जायेंगे। साथ ही शीशमहल के 4 फिल्टर प्लांटों में सिविल, विद्युत एवं यांत्रिक कार्य होंगे। जिसके अन्तर्गत क्लेरिफायर गेयर बाक्स की मरम्मत, 2 नये स्टार्टर की स्थापना, फ्लाक्यूलेटर के मोटर वांइडिंग का कार्य, शोधित जल को तीन नग पीबीसी/एचडीएमआर की सीट से ढकने के कार्य, एक नग 250 एम्पीयर, टीपीएन मेन्स स्वीच की आपूर्ति, एचपी मोटर पम्प के 10 नग, फिल्टर प्लांट के भीतर क्षतिग्रस्त लोहे की सीढी के निर्माण के मरम्मत का कार्य, विभिन्न पम्प एवं मोटर सैट के लिए स्पेयर पार्टस तथा वेयरिंग बुश, इम्टेलर की आपूर्ति एवं स्थापना का कार्य, क्षतिग्रस्त एवं पुरानी विद्युत फिटिंग की मरम्मत का कार्य, शीशमहल के चार नग फिल्टर प्लांट की सामान्य मरम्मत एवं रखरखाव का कार्य,प्लांटों की छतों का बरसाती पानी से रिसाव रोकने का ट्रीटमेंट कार्य, फिल्टर प्लांटों के भवनो का बाहरी एवं आन्तरिक रंगाई पुताई का कार्य, क्षतिग्रस्त दरवाजों एवं खिडकी का कार्य किया जायेगा।

जिलाधिकारी बंसल द्वारा शीशमहल वाटर फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया गया। उन्होने निरीक्षण के दौरान मौजूद अधिशासी अभियन्ता जलसंस्थान विशाल सक्सेना को निर्देश दिये कि शीशमहल तथा शीतलाहाट वाटर फिल्टर प्लांटों की मरम्मतए उच्चीकरण तथा शीतलाहाट गधेरे से वाटर प्लांट तक पाइन लाइन बिछाने के लिए जो धनराशि दी गई है उससे सभी निर्धारित कार्यो को प्राथमिकता के आधार पर युद्व स्तर पर पूरा किया जाए। उन्होने कहा गर्मी का मौसम परवान पर है ऐसे में इन प्लांटों के माध्यम से लोगों को शुद्व एवं निर्वाध पेयजल आपूर्ति हो सके। उन्होने कार्यो में तेजी लाने को भी कहा।

अधिशासी अभियन्ता जल संस्थान विशाल सक्सेना ने बताया कि जल संस्थान हल्द्वानी- काठगोदाम एवं कालाढूगी की नगर पेयजल योजनाओं का संचालन किया जाता है। उन्होंने बताया कि पहली नगरीय पेयजल योजना निर्माण 1960 मे हुआ था। ग्रामीण क्षेत्र हेतु 1980 में तथा नगरीय क्षेत्रों हेतु 1992 में अतिरिक्त फिल्टर प्लांटों का निर्माण किया गया। हल्द्वानी-काठगोदाम नगरीय पेयजल योजनाओं हेतु वर्तमान मे 5 फिल्टर प्लांट विभिन्न क्षमताओं के कार्यरत है। जिनसे पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। शीतलाहाट प्लांट की स्थापना 1960 में हुईए जिसकी क्षमता 3.50 एमएलडीए शीशमहल फिल्टर प्लांट नम्बर 1 व 2 की स्थापना 1980 मे हुई जिसकी क्षमता क्रमश: 6.75 एमएलडी तथा 5.25 एमएलडी है। जबकि शीशमहल प्लांट 3 व 4 की स्थापना 1992 में हुई जिसकी क्षमता क्रमश: 15 एमएलडी तथा 7.50 एमएलडी है। इस प्रकार जल संस्थान के 5 फिल्टर प्लांटों कुल क्षमता 38 एमएलडी है से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

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