हल्द्वानी-पॉवर लिफ्टर मुकेश पाल ने विश्व में अपने खेल से जमाई धाक, पढिय़े India’s Real Hero Award-2020 तक पहुंचने की संघर्ष भरी कहानी

(Jeevan Raj)-India ‘s real hero award 2020 आज एक ऐसी शख्सियत से आपको रूबरू कराने जा रहे है। जिन्होंने अपने खेल से इंडिया ही नहीं पूरे विश्व भर में डंका बजाया है। देवभूमि के इस लाल का नाम आज हर किसी की जुबां पर है। वह कोई और नहीं बल्कि हल्द्वानी निवासी पॉवर लिफ्टर मुकेश
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हल्द्वानी-पॉवर लिफ्टर मुकेश पाल ने विश्व में अपने खेल से जमाई धाक, पढिय़े India’s Real Hero Award-2020 तक पहुंचने की संघर्ष भरी कहानी

(Jeevan Raj)-India ‘s real hero award 2020 आज एक ऐसी शख्सियत से आपको रूबरू कराने जा रहे है। जिन्होंने अपने खेल से इंडिया ही नहीं पूरे विश्व भर में डंका बजाया है। देवभूमि के इस लाल का नाम आज हर किसी की जुबां पर है। वह कोई और नहीं बल्कि हल्द्वानी निवासी पॉवर लिफ्टर मुकेश पाल है। मुकेश पाल वर्तमान में उत्तराखंड पुलिस में एसआई के पद पर कार्यरत है। बचपन में खेल के प्रति उनके जुनून ने उन्हें एक बड़ा खिलाड़ी बना दिया। पिछले साल अंतरराष्ट्रीय वेटलिफ्टर मुकेश पाल ने चीन में विश्व पुलिस ऑलंपिक खेल में अपना डंका बजाया था। चाइना में मुकेश पाल ने कांस्य पदक पर कब्जा जमाया। मुकेश पुलिस ऑलंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई करने वाले देश के पहले वेटलिफ्टर थे। मुकेश पाल ने 2001 में वेट लिफ्टिंग शुरू की। वह पांच बार राज्य चैंपियन, स्ट्रांगमैन, कुमाऊं विश्वविद्यालय चैंपियन और स्ट्रांग मैन ऑफ कुमाऊं रह चुके है।India ‘s real hero award 2020

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हल्द्वानी-पॉवर लिफ्टर मुकेश पाल ने विश्व में अपने खेल से जमाई धाक, पढिय़े India’s Real Hero Award-2020 तक पहुंचने की संघर्ष भरी कहानी

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संघर्ष जन्मजात नहीं India ‘s real hero award 2020

न्यूज टुडे नेटवर्क से खास बातचीत में मुकेश पाल ने बताया कि इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। पिता के निधन के बाद परिवार की जिम्मेदारी उनके ऊपर आ गई। उन्हें पिता के स्थान पर रेलवे में जॉब मिली। लेकिन खेल के प्रति उनका जूनून ऐसा था कि उन्होंने केन्द्र सरकार की रेलवे की नौकरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने चार और नौकरी छोड़ दी। उन्होंने आजीविका चलाने के लिए मंगल पड़ाव में जनरल स्टोर खोला और वह सुबह 5 बजे से दूध बेचा करते थे। अपनी पढ़ाई के साथ उन्होंने बहनों को भी आगे बढ़ाया। इसके बाद बहनों की शादी भी की।

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वर्ष 2008 में वह उत्तराखंड पुलिस में भर्ती हो गये। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुडक़र नहीं देखा। उन्होंने देश-विदेशों के खेल प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। उत्तराखंड पुलिस में भर्ती होने के बाद उनके खेल को पंख लगने शुरू हुए। इसके बाद उन्होंने राज्य से लेकर देश-विदेश में अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। मुकेश पाल ने गोल्ड, रजत और कांस्य पदक जीतकर पुलिस विभाग, राज्य और देश का नाम रोशन किया। मुकेश पाल ने बताया कि उनके खेल में उत्तराखंड के पुलिस अधिकारियों से लेकर क्षेत्र के अन्य पदों पर बैठे अधिकारियों ने उनको काफी प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि खासतौर पर डीजी लॉ एंड ऑर्डर अशोक कुमार, आईजी अमित सिन्हा के अलावा कई पुलिस अधिकारियों ने उन्हें बहुत ब्लाइंड सपोट किया। साथ ही उनका हौंसला भी बढ़ाया। अधिकारियों और परिजनों के सहयोग की बदौलत वह आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं । उन्होंने कहा कि देश के लिए विदेशों में खेलना मेरे लिए गर्व की बात है।

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पिछले जून 2019 में चीन में होने वाले विश्व पुलिस ऑलंपिक में मुकेश पाल ने भारत का प्रतिनिधित्व किया। वह इस प्रतियोगिता में क्वालीफाई करने वाले भारत और उत्तराखंड राज्य के पहले खिलाड़ी है। 15 अगस्त को उन्होंने कांस्य पदक जीता। उनकी प्रतिभा को देख राज्य सरकार ने उन्हें उत्तरांचल खेल रत्न अवार्ड से सम्मानित किया। इसे अलावा उन्हें उत्तराखंड खेल ब्रांड एम्बेसडर बनाया गया। अखिल भारतीय पुलिस के मुख्य कोच की जिम्मेदारी उनके पास है। कई युवाओं को वह ट्रेनिंग दे रहे है। और खुद भी अपने खेल पर फोकस करते है। पाल ने बताया कि आज जिन युवाओं ने उनसे ट्रेनिंग ली आज वह कई सरकारी विभागों में कार्यरत है।

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वर्तमान में पाल पुलिस विभाग की ओर से खेलते हैं। वर्ष 2003 एशियन गेम्स में मुकेश ने कांस्य पदक पर कब्जा कर अपनी छाप छोड़ी। इसके बाद मुकेश पाल आगे बढ़ते ही चले गये। मुकेश ने वर्ष 2004 लखनऊ में ओपन नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। वही वर्ष 2005 उजाकिस्तान में कांस्य मेडल जीता। वर्ष 2006, 07, 08 में नेशनल फेडरेशन कप में सिल्वर पदक जीता। वर्ष 2009 में ओपन सीनियर नार्थ जोन चैंपियनशिप में गोल्ड पर कब्जा जमाया। इसके बाद वर्ष 2010 कॉमनवेल्थ में एक बार फिर गोल्ड पर कब्जा जमाया। वर्ष 2011 लंदन ओपन चैंपियनशिप इग्लैण्ड में गोल्ड मेडल, वर्ष 2013 में विश्व पुलिस गेम्स में इग्लैण्ड-आयरलैण्ड में सिल्वर मेडल, विश्व पुलिस गेम्स यूएसए में 2015 में सिल्वर मेडल, और 2017 विश्व पुलिस गेम्स कैलीफोर्निया में कांस्य जीतकर देश का नाम रोशन किया। वर्ष 2019 में चाइना में कांस्य पदक जीता। उनका सपना जापान में होने वाले ऑंलंपिक 2020 और 2022 कॉॅमनवेल्थ गेम में खेलना है।

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युवाओं को दिया ये खास संदेश

पॉवर लिफ्टर मुकेश पाल ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि युवा नशे से दूर रहे। अगर नशा ही करना हो तो खेल का करो। उन्होंने कहा कि हमने बड़ी मुश्किलों को पार कर सफलता हासिल की। आज हर सुविधा मुमकिन है। इन सुविधाओं का उपयोग कर युवा आगे बढ़े और देश का नाम रोशन करें। उन्होंने युवाओं से खेल में मेहनत करने को कहा। अपने लक्ष्य के प्रति सजग रहने की सलाह दी।

अमेरिका से मिल रहा नागरिकता का ऑफर (India ‘s real hero award 2020)

मुकेश पाल अमेरिका के ग्रीन कार्ड हॉल्डर है। वह भारत के ऐसे पहले खिलाड़ी है जिन्हें अमेरिका ने ग्रीन कार्ड दिया है। खेलों में उनका प्रदर्शन देखने के बाद अमेरिका ने उन्हें नागरिकता के ऑफर दिया। लेकिन देश और खेल के प्रति वफादार मुकेश पाल ने दूसरे देश से खेलने के लिए मना कर दिया। पाल ने बताया कि जो मजा अपने देश के लिए खेलना है वह किसी और जगह नहीं हो सकता है। फिलहाल वह अपने खेल पर फोकस कर रहे है। अब मुकेश पाल को रियल हीरो का अवार्ड दिया जा रहा है जो आगामी 22 जनवरी को यश 11 मैंनेजमेंट की ओर से ताज रिसोर्ट रामनगर में दिया जायेगा।