हल्द्वानी- प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का नाम देश के 50 विशिष्ट शिक्षकों में शामिल, पढ़े उनका जीवन परिचय

Education News Uttarakhand, राजकीय महाविद्यालय दोषापानी, नैनीताल के प्राचार्य हल्द्वानी निवासी प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का नाम देश के 50 विशिष्ट शिक्षकों की सूची में शामिल हुआ है। कमल किशोर पाण्डे की इस सफलता के बाद से कुमाऊं भर में खुशी की लहर है। इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य दो प्रोफेसर का भी चयन इस
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हल्द्वानी- प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का नाम देश के 50 विशिष्ट शिक्षकों में शामिल, पढ़े उनका जीवन परिचय

Education News Uttarakhand, राजकीय महाविद्यालय दोषापानी, नैनीताल के प्राचार्य हल्द्वानी निवासी प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का नाम देश के 50 विशिष्ट शिक्षकों की सूची में शामिल हुआ है। कमल किशोर पाण्डे की इस सफलता के बाद से कुमाऊं भर में खुशी की लहर है। इसके अलावा उत्तराखंड के अन्य दो प्रोफेसर का भी चयन इस सूची में हुआ है।

हल्द्वानी- प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का नाम देश के 50 विशिष्ट शिक्षकों में शामिल, पढ़े उनका जीवन परिचय

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जिसमें डीआईटी विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति और उत्तरांचल विश्वविद्यालय देहरादून के कुलपति शामिल है। बता दें शिक्षकों का चयन करने वाली कंपनी यूलेक्सलर्निंग सैल्यूशन, चेन्नई अंतराष्ट्रीय मानको के अनुरुप उच्चशिक्षा में ई-लर्निंग, सोशल लर्निंग, उच्च शिक्षा से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स को परस्पर संवाद स्थापित करने वाली कंपनी है।

ये 50 शिक्षक है शामिल

भारत के इन 50 शिक्षकों में यूजीसी के चेयरमैन प्रोफेसर डीपी सिंह, एआईसीटीई के चेयरमैन, नैक के चेयरमैन, इग्नू के कुलपति, जेएनयू के कुलपति, मद्रास विश्वविद्यालय के कुलपति, लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति, एमडी विश्वविद्यालय के अलावा देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का चयन किया गया है।

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प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का जीवन परिचय

राजकीय महाविद्यालय दोषापानी, नैनीताल के प्राचार्य प्रोफेसर कमल किशोर पाण्डे का शिक्षा के क्षेत्र में 35 वर्ष का कार्यकाल रहा है। अपने इस कार्यकाल में वह शिक्षा के क्षेत्र में तमाम कार्य के लिए जाने जाते है। शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा योगदान देते हुए उन्होंने रसायन विज्ञान अध्यापन एंव शोध, जैव प्रौद्योगिकी विभाग की स्थापना, पर्वतीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले औषधीय भोज्य पदार्थों पर शोध का अपनी अलग जगह बनाई है। साथ ही कुमाऊँ विश्विद्यालय में कुलसचिव रहकर शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक प्रयोग किए हैं।

भारत रत्न डा. कलाम के विश्वविद्यालय में आमंत्रण, 2005 में कैरियर काउसलिंग का गठन व कार्य, ई-लर्निंग पर अनेको कार्यशाला का आयोजन, विज्ञान के लोकप्रिकरण के लिए विद्यालय, महाविद्यालयों में विज्ञान शिक्षा,जन स्वास्थ, पोषण पर कार्यक्रमों का आयोजन आदी शामिल है।