हल्द्वानी-एमबीपीजी के प्रोफेसर ने पीएमओ को लिखा पत्र, कवि तुलसीदास से जुड़ा है मामला

हल्द्वानी-एमबीपीजी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष मिश्र ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मांग की है कि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली को लेकर चले आ रहे विवाद पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सर्वमान्य हल निकाला जाय। पीएमओ को भेजे अनुरोध पत्र में डॉ मिश्र ने लिखा है कि भक्ति काल
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हल्द्वानी-एमबीपीजी के प्रोफेसर ने पीएमओ को लिखा पत्र, कवि तुलसीदास से जुड़ा है मामला

हल्द्वानी-एमबीपीजी के हिंदी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. संतोष मिश्र ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर मांग की है कि गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली को लेकर चले आ रहे विवाद पर एक उच्च स्तरीय समिति गठित कर सर्वमान्य हल निकाला जाय। पीएमओ को भेजे अनुरोध पत्र में डॉ मिश्र ने लिखा है कि भक्ति काल के सगुण काव्य धारा के प्रमुख कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस से भला कौन परिचित नहीं होगा। मानस सहित कई धार्मिक ग्रंथों के रचयिता तुलसी के जन्म स्थान को लेकर विवादों का एक लंबा सिलसिला रहा है। देश-विदेश के विभिन्न विद्वानों और शोध करने वालों में इस बात पर एक राय नहीं है कि तुलसी कहां पैदा हुए थे। जन्म स्थान के विवाद में उन्हें उत्तर प्रदेश के चार स्थानों से जोड़ा जाता है। पहला एटा जिले का सोरों, दूसरा बांदा जिले का राजापुर जो कि चित्रकूट के पास है, तीसरा गोंडा जिले का राजापुर जो कि अयोध्या के पास है और चौथा प्रतापगढ़ जिले का राजापुर गांव।

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इसी तरह से विभिन्न विद्वान और तुलसी साहित्य के शोधार्थी रामचरितमानस की भाषा को लेकर भी एकमत नहीं हैं। कुछ विद्वान उसे अवधी और ब्रज मिश्रित तो कुछ भोजपुरी और बुंदेली के नजदीक भी बताते हैं। विद्वानों के अनुसार जहां मलिक मोहम्मद जायसी के पद्मावत की भाषा ग्रामीण अवधी है, वहीं पर तुलसी के रामचरितमानस की भाषा साहित्यिक अवधी है। डॉ. संतोष मिश्र ने प्रधानमंत्री कार्यालय को पत्र लिखकर यह मांग की है कि जैसे सैकड़ों वर्षो से चले आ रहे राम जन्मभूमि विवाद का पटाक्षेप हुआ, वैसे ही राम के अनन्य भक्त गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली को लेकर वर्षों से बने संशय को उच्च स्तरीय समिति बनाकर दूर किया जाना चाहिए।

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इस समिति में इतिहासकार, साहित्यकार और वैज्ञानिक को शामिल कर किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। पीएमओ द्वारा डॉ मिश्र को ई मेल भेजकर सूचित किया गया है कि अग्रिम कार्यवाही हेतु उक्त पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसचिव अंबुज शर्मा को अग्रेषित कर दिया गया है।