हल्द्वानी- 23 मई के बाद इन विधायकों व मंत्रियों की बढ़ सकती है मुश्किलें, बगावती सुरों को लेकर कार्यवाही में जुटा भाजपा संगठन

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता की खबरें तेज हो रही है। विधायकों के बीच खूब बयानबाजी हो रही है। सबसे ज्यादा अनुशासनहीनता कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए विधायकों में देखने को मिली हैं। विगत दिनों खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन खासें चर्चाओं में रहे
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हल्द्वानी- 23 मई के बाद इन विधायकों व मंत्रियों की बढ़ सकती है मुश्किलें, बगावती सुरों को लेकर कार्यवाही में जुटा भाजपा संगठन

हल्द्वानी-न्यूज टुडे नेटवर्क- लंबे समय से भारतीय जनता पार्टी के अंदर अनुशासनहीनता की खबरें तेज हो रही है। विधायकों के बीच खूब बयानबाजी हो रही है। सबसे ज्यादा अनुशासनहीनता कांग्रेस से बगावत कर भाजपा में शामिल हुए विधायकों में देखने को मिली हैं। विगत दिनों खानपुर विधायक कुंवर प्रणव सिंह चैम्पियन खासें चर्चाओं में रहे है। उनके
अलावा उमेश शर्मा काऊ और आजकल से सबसे ज्यादा चर्चाओं में वो है वन मंत्री हरक सिंह रावत। पिछले दिनों जंगल जलने के घटना के बाद अधिकारियों को विदेश भेजने से गुस्साएं हरक सिंह रावत ने इस्तीफा देने तक की धमकी दे डाली। इससे साफ होता है कि इन विधायकों के अंदर कांग्रेस पार्टी में बगावत वाली बातें अभी भी है। इसलिए समय-समय
परइनके सुर बिगड़ जाते है। हालांकि अनुसाशनहीनता के मामले में भाजपा के विधायक देशराज कर्णवाल भी कम नहीं है।

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हरक, चैम्पियन और काऊ चर्चाओं में

विधायकों द्वारा बयानबाजी, एक-दूसरे के ऊपर कमेंट करने की बातों से भाजपा अनुसाशन समिति का पारा हाई लेबल पर है। सूत्रों की माने तो इन विधायकों और मंत्रियों पर अनुशासनहीनता की कार्यवाही होनी तय है। सूत्रों की माने तो पार्टी जल्द अपना फैसला सुना सकती है। इस संबंध में पार्टी के प्रदेश महामंत्री व उत्तराखंड कृषि विपणन बोर्ड का अध्यक्ष
गजराज सिंह बिष्ट ने कहना है कि भाजपा एक अनुशासित पार्टी है। ऐसे बयानों पर पार्टी फोरम कार्यवाही कर सकता हैं। इन दिनों वन मंत्री हरक सिंह रावत चर्चाओं में है। उत्तराखंड की बीजेपी सरकार में सबसे दबंग कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने पहाड़ों के जंगलों में आग के बहाने राज्य की त्रिवेंद्र सिंह सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। उनकी अनुमति के बगैर आला वन अधिकारियों के दलबल को इंग्लैंड यात्रा पर जाने की मुख्यमंत्री की अनुमति ने आग में घी का काम कर डाला है। ऐसे में माना जा रहा है पार्टी इनके खिलाफ कोई बड़ा निर्णय ले सकती है।

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भाजपा में फिट बैठे ये मंत्री

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की सरकार से बगावत कर आये विधायकों में कई के तेवर अभी भी नहीं बदले। वह कांग्रेस पार्टी के सुर में नजर आते है। जबकि कई विधायक भाजपा में फिट बैठे है। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुए विधायकों में सबसे फिट परिवहन मंत्री यशपाल आर्य, पयर्टन मंत्री सतपाल महाराज, पूर्व सीएम विजय बहुगुणा, समेत कई विधायक बैठे। ये विधायक भाजपा की रीति-नीति में रचबस गये है। लेकिन कुंवर प्रणव चैम्पियन और हरक सिंह रावत के सुर कांग्रेस में भी बिगड़े रहे और भाजपा में भी। ऐसे में भाजपा इनके खिलाफ बड़ी कार्यवाही कर सकती है। देखना है कि पार्टी ये कदम कब तक उठाती है।

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बड़े आंदोलन के मूड में हरक

बता दें कि विगत दिनों कंडी रोड के लालढांग-चिलरखाल मार्ग का निर्माण कार्य रोकने संबंधी आदेश का मामला तूल पकड़ गया है। इस मामले में अपर सचिव ओमप्रकाश के खिलाफ मोर्चा खोले वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वन मंत्रालय अपर मुख्य सचिव के इस आदेश को नहीं मानता। इस सडक़ का काम किसी भी हालत में रोका नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि श्रमदान के जरिये सडक़ बनवाई जाएगी। वह खुद एक माह का वेतन इसके लिए देंगे और अन्य लोगों से भी मदद मांगेंगे। कहा कि इसे लेकर यदि किसी को मुकदमा करना है तो उनके खिलाफ करे। सडक़ के लिए उन्हें जेल भी जाना पड़े तो वह जाएंगे। इससे पहले अधिकारियों को विदेश जाने के लिए छुट्टी देने का मामला गर्माया गया। इससे साफ होता है कि हरक सिंह रावत बड़े आंदोलन की तैयारी में है। वही भाजपा संगठन भी अंदरखाने इस मामले को हलके में नहीं ले रहा है। कही ऐसा न हो कि हरक सिंह रावत को अपने मंत्री पद से हाथ धोना पड़े।