हल्द्वानी-जिंदगीभर की मेहनत को आंखों के सामने राख होता देख छलक उठी कमला की आंखें, बचे सामान की उम्मीद में खाक छानते रहे बच्चे

हल्द्वानी-शहर में एक और अग्रिकांड सामने आया है। विगत दिनों कई झोपडिय़ां आग की चपेट में आने से खाक हो चुकी हैं। फिर मंडी में भंयकर आग से कई दुकानें राख हो गई। एक और अग्रिकांड सोमवार की देर रात हुआ। बिठौरिया नंबर एक के बिष्ट धड़ा में एक बटाईदार की झोपड़ी जलकर राख हो
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हल्द्वानी-जिंदगीभर की मेहनत को आंखों के सामने राख होता देख छलक उठी कमला की आंखें, बचे सामान की उम्मीद में खाक छानते रहे बच्चे

हल्द्वानी-शहर में एक और अग्रिकांड सामने आया है। विगत दिनों कई झोपडिय़ां आग की चपेट में आने से खाक हो चुकी हैं। फिर मंडी में भंयकर आग से कई दुकानें राख हो गई। एक और अग्रिकांड सोमवार की देर रात हुआ। बिठौरिया नंबर एक के बिष्ट धड़ा में एक बटाईदार की झोपड़ी जलकर राख हो गई। देर रात हुए इस अग्रिकांड ने भंयावक रूप ले लिया। रात के  अंधेरे में दंपति ने बच्चों समेत भागकर जान बचाई। अग्रिकांड में जिंदगी भर की रखी पूंजी जलकर राख हो गई। साथ ही सारा सामान जल गया। अग्रिंकाड की सूचना पुलिस और दमकल विभाग को दी गई। लेकिन दमकल के पहुंचने तक पूरी झोंपड़ी राख हो गई।

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देर रात लगी झोंपड़ी में आग

बताया जा रहा है कि बिठौरिया नंबर एक के बिष्ट धड़ा में रहने वाला संतोष कुमार कश्यप बटाईदार का काम करता है। वह मूल रूप से उत्तरप्रदेश के शाजहांपुर का रहने वाला है। यहां वह सुरेन्द्र सिंह बिष्ट की जमीन पर पिछले छह साल से बटाईदारी करता है और वहीं झोंपड़ी बनाकर रहता है। उसके पांच बच्चे हैं। संतोष कुमार ने बताया कि रात करीब एक बजे उनकी झोंपड़ी के पिछल हिस्से में आग लग गई। इस दौरान सभी लोग सो रहे थे। सबसे पहले उसकी बीबी की नींद खुली तो उसने हो हल्ला कर दिया। सभी बच्चों को लेकर वह झोंपड़ी से बाहर भागे। इस बीच संतोष झोंपड़ी के पीछे हिस्से को तोडऩे लगा लेकिन आग बेकाबू हो गई तो वह जान बचाकर भाग गया। देर रात आग की लपटके देख लोग घरों से बाहर निकल गये। आग लगने की सूचना पुलिस और दमकल को दी गई लेकिन उनके पहुंचने तक पूरी झोंपड़ी जलकर राख हो गई।