देहरादून-आजीविका पैकेज लागू करने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य, अब ऐसे मनरेगा जॉब कार्ड धारक कर सकेेंगे स्वरोजगार

देहरादून- त्रिवेन्द्र सरकार ने मनरेगा में आजीविका पैकेज का मॉडल लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के बाद प्रदेश में मनरेगा में अब जॉब कार्ड धारक मजदूरी के अलावा स्वरोजगार के तहत अपना काम शुरू कर सकेंगे और इसमें सभी विभाग उनकी मदद करेंगे। उत्तराखंड आजीविका पैकेज लागू करने वाला
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देहरादून-आजीविका पैकेज लागू करने वाला उत्तराखंड बना पहला राज्य, अब ऐसे मनरेगा जॉब कार्ड धारक कर सकेेंगे स्वरोजगार

देहरादून- त्रिवेन्द्र सरकार ने मनरेगा में आजीविका पैकेज का मॉडल लागू करने का आदेश जारी कर दिया गया है। इस आदेश के बाद प्रदेश में मनरेगा में अब जॉब कार्ड धारक मजदूरी के अलावा स्वरोजगार के तहत अपना काम शुरू कर सकेंगे और इसमें सभी विभाग उनकी मदद करेंगे। उत्तराखंड आजीविका पैकेज लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से सहमति मिलने के बाद अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार ने यह आदेश जारी किया है। आजीविका पैकेज के तहत मनरेगा और विभागीय योजनाओं को जोड़ते हुए कई पैकेज बनाए गए हैं।

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योजना की खास बात ये है कि यह प्रवासियों को देखते हुए शुरू की गई है। मनरेगा में इस समय पिछले साल की तुलना में ढाई लाख लोग अधिक जुड़े हैं और इसमें अधिकतर प्रवासी ही हैं। योजना के तहत प्रदेश के तीस हजार परिवारों को पहले चरण में शामिल किया जाना है। परिवारों का आर्थिक पैकेज इस तरह का होगा कि वे छह माह तक आसानी से परिवार का भरण पोषण कर सकें। इस योजना में भूमिहीन सहित एक नाली से लेकर दस नाली और इससे अधिक जमीन की उपलब्धता के पैकेज हैं। हर पैकेज में एक या एक से अधिक काम शुरू करने पर सहायता का प्रावधान हैं। योजना के अंतर्गत हर लाभार्थी को 10 फलदार पेड़ों की पौध जरूर दी जाएगी। इसको पोषण वाटिका का नाम दिया गया है।

बता दें कि मनरेगा में पहले से ही स्वरोजगार के लिए मदद की जाती रही है। जैसे अगर मुर्गी बाड़ा बनाने में दस हजार खर्च हो रहे हैं तो सात हजार मनरेगा से निर्माण सामग्री के लिए और तीन हजार रुपये मजदूरी होती है।