देहरादून- उत्तराखंड में सामने आया कोरोना मरीज़ का बड़ा सच, जाने कहा कैसे चूका एम्स ऋषिकेश
उत्तराखंड में कोरोना वायरस से पहली मौत का आधिकारिक एलान हो गया है। एक मई को ऋषिकेश एम्स में हुई महिला की मौत कोरोना के कारण ही हुई थी, महिला की कोरोना से मौत का सच अफसरों ने पांच दिन बाद कबूल लिया है। दरअसल प्रदेश के मुख्य सचिव उत्पल कुमार ने नैनीताल की कोरोना और ब्रेन हेमरेज से पीड़ित महिला की मौत को कोरोना के कारण हुई माना, मीडिया ब्रीफिंग के जरिए उन्होंने ये जानकारी दी। इस मौत की सच्चाई आरोग्य सेतु एप के आंकड़े भी बयां कर रहे हैं। वो आंकडे जो खुद उत्तराखंड सरकार द्वारा भेजे गए हैं। उन्हीं के आधार पर इसमें आंकड़े जारी किए जाते हैं। जिसमें उत्तराखंड में कोरोना से एक मौत को दर्शाया जा रहा है।
क्या है महिला की मौत का सच
बता दें कि लालकुआं निवासी 56 वर्षीय महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी। जिसका उपचार ऋषिकेश एम्स में जारी था। पांच दिन पहले एम्स ऋषिकेश में उनकी मौत हो गई। अस्पताल के मुख्य चिकित्सक द्वारा जारी बयान में महिला की मौत कोरोना नहीं वल्कि ब्रेन हैमरेज के कारण बताई गई। जिसके बाद से उत्तराखंड सरकार और स्वास्थ्य महकमा भी महिला के गंभीर बीमारियों से ग्रसित होने की बात कहकर राज्य में कोरोना से कोई मौत नहीं होने का दावा कर रहा था।
वही मंगलवार को महिला की कोरोना से मौत के सच की जानकारी खुद मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने मीडिया को दी। उन्होंने कहा कि राज्य में कोरोना से एक मरीज की मौत हो चुकी है। वही इस पूरे मामले के बाद से ऋषिकेश एम्स और स्वास्थ्व विभाग सवालों के घेरे में हैं। मामले में सरकार पर भी जानकारी छुपाने के चलते उंगलियां उठ रही है।
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