COVID-19 Test: ICMR ने दी पूल टेस्टिंग की मंजूरी, होंगे ये फायदे

देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोग दहशत में है। लोगों को इससे बचाने का एकमात्र अभी एक ही इलाज है वह है ज्यादा से ज्यादा कोरोना का टेस्ट करना। इसी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने देश में कोरोना वायरस की पूल टेस्टिंग को
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COVID-19 Test: ICMR ने दी पूल टेस्टिंग की मंजूरी, होंगे ये फायदे

देशभर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए लोग दहशत में है। लोगों को इससे बचाने का एकमात्र अभी एक ही इलाज है वह है ज्यादा से ज्यादा कोरोना का टेस्ट करना। इसी को देखते हुए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research) ने देश में कोरोना वायरस की पूल टेस्टिंग को मंजूरी दे दी है और इस संबंध में एक एडवाइजरी भी जारी की है।
COVID-19 Test: ICMR ने दी पूल टेस्टिंग की मंजूरी, होंगे ये फायदे
ICMR की एडवाइजरी के अनुसार, “लैबों द्वारा किए जा रहे टेस्ट की संख्या बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है। कुल मामलों में संक्रमित मामलों की दर अभी भी कम है। इससे पूल टेस्टिंग (pool testing) में मदद मिल सकती है।”

जानिए क्या होती है पूल टेस्टिंग
पूल टेस्टिंग में कई लोगों का सैंपल एक ट्यूब में डाला जाता है और उनका एक साथ पीसीआर टेस्ट (PCR Test) होता है। अगर पूल टेस्ट पॉजिटिव (positive) आता है तो फिर इसमें शामिल रहे सभी व्यक्तियों के सैंपल (sample) की एक-एक करके जांच की जाती है और पता लगाया जाता है कि किसमें संक्रमण (infection) है। इस प्रक्रिया को पूल डि-कॉन्वोल्यूशन (pul de-convolution) कहा जाता है। अगर पूल टेस्ट का नतीजा पॉजिटिव नहीं आता तो इसमें शामिल सभी लोगों को नेगेटिव (negative) माना जाता है।

ICMR की गाइडलाइंस को भी जानिए
ICMR ने अपनी गाइडलाइंस (guidelines) में कहा है कि पूल टेस्टिंग के लिए दो से अधिक सैंपल को एक साथ मिलाया जा सकता है, लेकिन इनकी संख्या पांच से अधिक नहीं होनी चाहिए क्योंकि ऐसा करने पर गलत नेगेटिव नतीजे आ सकते हैं। जहां कोरोना के मामले कम हैं और संक्रमित मामलों की दर दो प्रतिशत से कम है, वहां पूल टेस्टिंग की जा सकती है। दो-पांच प्रतिशत दर वाले इलाकों में बिना लक्षणों वाले लोगों में पूल टेस्टिंग की जाएगी। पांच प्रतिशत से अधिक दर वाले इलाकों में पूल टेस्टिंग नहीं होनी चाहिए। वहीं संक्रमित मरीजों और स्वास्थ्यकर्मियों के संपर्क में आने वाले लोगों का सैंपल पूल टेस्टिंग में शामिल नहीं किया जाना चाहिए।

पूल टेस्टिंग के हैं कई फायदे
पूल टेस्टिंग के जरिए बड़ी संख्या में टेस्ट ही नहीं बल्कि पैसा भी बचाया जा सकता है। अगर पांच लोगों का पूल टेस्ट किया जाता है और इसका नतीजा नेगेटिव आता है तो ऐसा करने से चार टेस्ट किट बचती हैं। घर-घर जाकर टेस्टिंग की प्रक्रिया में भी ये बेहद सहायक है।

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