बागेश्वर-(चमोली हादसा)-अगर आराम करने की जगह नदी से दूर होती तो बच जाता दीपक, बार-बार यही बात दोहरा रहा परिवार

बागेश्वर-चमोली आपदा में बागेश्वर जिले के भतौड़ा निवासी इंजीनियर दीपक कुमार की मौत से पूरा गांव में शोक में डूबा है। दीपक की मौत के बाद परिजन सदमे में है। भतौड़ा निवासी दीपक कुमार ऋषि गंगा नदी पर बनी हाइड्रो पावर परियोजना में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर था। एक साल पहले उसे परियोजना में नियुक्ति मिली थी।
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बागेश्वर-(चमोली हादसा)-अगर आराम करने की जगह नदी से दूर होती तो बच जाता दीपक, बार-बार यही बात दोहरा रहा परिवार

बागेश्वर-चमोली आपदा में बागेश्वर जिले के भतौड़ा निवासी इंजीनियर दीपक कुमार की मौत से पूरा गांव में शोक में डूबा है। दीपक की मौत के बाद परिजन सदमे में है। भतौड़ा निवासी दीपक कुमार ऋषि गंगा नदी पर बनी हाइड्रो पावर परियोजना में इलेक्ट्रिकल इंजीनियर था। एक साल पहले उसे परियोजना में नियुक्ति मिली थी। हादसे की पहली रात दीपक ने रात की शिफ्ट में काम किया था। आपदा के समय वह परियोजना के बाहर बने टिनशेड में आराम कर रहा था, जिसके कारण उसे हादसे का पता नहीं चल पाया और वह बहाव के चपेट में आ गया।

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हादसे में दीपक की मौत के बाद उसके भाई अरूण कुमार का कहना है कि पहले दीपक कपकोट में काम करता था, लेकिन सैलरी अच्छी मिलने की बात कहकर वह ऋषिकेश चला गया। उन्होंने कहा कि मजदूरों के आराम करने का स्थान कंपनी से दूर होना चाहिए था लेकिन नदी किनारे ही आराम के लिए टिनशेड बनाये गये थे। अगर आराम करने की जगह दूर होती तो उनका भाई बच जाता। परिवार के मन बस यही बात बार-बार आ रही है कि अगर वह दूर आराम कर रहा होता तो बच जाता।

बता दें कि दीपक के पिता रमेश राम सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी और माता तारा देवी गृहणी हैं। जबकि बड़ा भाई अरुण कुमार भतौड़ा के ग्राम प्रधान और भाभी बागेश्वर विकास खंड की कनिष्ठ प्रमुख हैं। दीपक का एक और छोटा भाई रोहित है। दीपक मिलनसार और खुशमिजाज था। उसने स्कूली पढ़ाई के बाद रुडक़ी से इंजीनियरिंग की थी। इसके बाद कुछ साल कपकोट में चल रही हाइड्रो पावर परियोजना में भी काम किया था। जहां से वह ऋषि गंगा परियोजना में काम करने चले गया।