ऐसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

आपके रिटायरमेंट होने में चाहे कुछ साल या दशक बाकी हों, लेकिन जरूरी है कि आप पहले से ही रिटायरमेंट के लिए योजना बनाएं और बचत करें। रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है। इसके जरिये यह पता लगाते में मदद मिलती है कि रिटायरमेंट के लिए अभी आपको कितनी बचत करनी चाहिए और कहां निवेश करना
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ऐसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

आपके रिटायरमेंट होने में चाहे कुछ साल या दशक बाकी हों, लेकिन जरूरी है कि आप पहले से ही रिटायरमेंट के लिए योजना बनाएं और बचत करें। रिटायरमेंट प्लानिंग बहुत जरूरी है। इसके जरिये यह पता लगाते में मदद मिलती है कि रिटायरमेंट के लिए अभी आपको कितनी बचत करनी चाहिए और कहां निवेश करना चाहिए। लेकिन, यह इन पहलुओं तक ही सीमित नहीं है। इसके साथ जुड़े अन्य मसलों में चूक होने पर रिटायरमेंट की प्लानिंग पटरी से उतर सकती है। यहां हम रिटायरमेंट प्लानिंग से जुड़ी उन गलतियों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे बचना चाहिए।

क्या होगा रिटायरमेंट के बाद, जरूर सोचे

  • रिटायरमेंट के बाद मैं किस तरह की लाइफस्टाइल चाहता हूं?
  • क्या मैं रिटायरमेंट के बाद भी काम कर पाऊंगा?
  • मेरे वर्तमान स्वास्थ्य और मेरे परिवार का उस पर आधारित चिकित्सा व्यय होगा?
  • मेरी परिवार के प्रति क्या प्रतिबद्धता है? क्या मेरा जीवनसाथी और बच्चे मुझ पर निर्भर हैं?
  • क्या मैं घर का किराया या होम लोन भरता रहूंगा या क्या मैं अपना घर चाहता हूं?
  • क्या मेरी कोई यात्रा योजना होगी? और मैं कितनी लंबी और कहां यात्रा करना चाहूंगा?

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ऐसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

ऐसे बनाए योजना

पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ)

पीपीएफ में आप अपना पैसा 15  साल के लिए लगाते हैं। इसलिए चक्रवृद्धि ब्याज का ज्यादा फायदा मिलता है। खास तौर से बाद के सालों में इसका बड़ा लाभ होता है। सरकार हर तिमाही में पीपीएफ की ब्याज दर तय करती है। यह सरकारी प्रतिभूतियों के रिटर्न पर आधारित होता है। चूंकि कमाए गए ब्याज और मूल निवेश को दोबारा बॉन्ड में लगा दिया जाता है, इसलिए यह काफी सुरक्षित निवेश विकल्प है।

अटल पेंशन योजना (APY)

अटल पेंशन योजना (APY) में कई तरह के विकल्प हैं। इस स्कीम का हिस्सा बनने के लिए आपकी उम्र 18 साल से 40 साल की होनी चाहिए। बचत खाते का होना भी जरूरी है। APY) के तहत पांच प्लान हैं। इनके तहत अंशदाता के 60 साल के होने पर 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और 5000 रुपये प्रति माह की गारंटीशुदा पेंशन मिलती है। पेंशन की रकम के आधार पर प्रीमियम का निर्धारण होता है।

ऐसे करें रिटायरमेंट की प्लानिंग, नहीं तो बाद में पड़ेगा पछताना

कर्मचारी भविष्य निधि (EPF)

ईपीएफ के तहत कर्मचारी अपने वेतन से एक तय रकम स्कीम में डालता है। इतने ही पैसे का योगदान कंपनी करती है। रिटायरमेंट पर कर्मचारी को उसके पीएफ खाते में जमा पूरी रकम ब्याज के साथ एकमुश्त मिलती है। कंपनी कर्मचारी के मूल वेतन के साथ महंगाई भत्ते और रिटेनिंग अलाउएंस का 12 फीसदी अंशदान करती है। इतना ही योगदान कर्मचारी करता है।

रिटायरमेंट आधारित म्यूचुअल फंड स्कीम

रिटायरमेंट सेविंग से जुड़ी चार खास म्यूचुअल फंड स्कीम हैं। इनमें फ्रैंकलिन इंडिया पेंशन फंड, यूटीआई रिटायरमेंट बेनिफिट पेंशन फंड, रिलायंस रिटायरमेंट फंड, और एचडीएफसी रिटायरमेंट सेविंग्स फंड शामिल हैं।

जीवन बीमा योजना

जीवन बीमा कंपनियां यूनिट-लिंक्ड पेंशन प्लान की पेशकश करती हैं। ये उतनी लोकप्रिय नहीं हैं जितनी दूसरी स्कीम्स हैं। कारण है कि इन्हें निवेश पर गारंटी देनी पड़ती है। गारंटी के साथ हमेशा लागत जुड़ती है। इससे इन योजनाओं के दाम बढ़ जाते हैं। इनकी रिटर्न देने की क्षमता भी कम हो जाती है।