क्‍या आप जानते हैं, एक अप्रैल से लागू हो गए हैं यह बड़े बदलाव

न्यूज टुडे नेटवर्क एक अप्रैल से बैंकिंग से लेकर बाजार तक तमाम बड़े बदलाव हो गए हैं। इन बदलावों से समाज के हर नागरिक का जीवन प्रभावित होगा। किसी का थोड़ा तो किसी का अधिक। आइए आपको इन बदलावों के बारे में बताते हैं- मोबाइल होंगे महंगे जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों मोबाइल पर जीएसटी
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क्‍या आप जानते हैं, एक अप्रैल से लागू हो गए हैं यह बड़े बदलाव

न्‍यूज टुडे नेटवर्क
एक अप्रैल से बैंकिंग से लेकर बाजार तक तमाम बड़े बदलाव हो गए हैं। इन बदलावों से समाज के हर नागरिक का जीवन प्रभावित होगा। किसी का थोड़ा तो किसी का अधिक। आइए आपको इन बदलावों के बारे में बताते हैं-
क्‍या आप जानते हैं, एक अप्रैल से लागू हो गए हैं यह बड़े बदलाव
मोबाइल होंगे महंगे
जीएसटी परिषद ने पिछले दिनों मोबाइल पर जीएसटी की दर 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी कर दिया था। 1 अप्रैल से नई दरें लागू होने के बाद मोबाइल खरीदना महंगा हो जाएगा। नई दरें लागू होने के बाद 20 हजार रुपये का मोबाइल 1,200 रुपये और महंगा हो जाएगा।

नया आयकर स्लैब
बजट 2020 में घोषित किए गए नए आयकर स्लैब को अप्रैल से लागू किया जा रहा है। अब करदाताओं के सामने दो विकल्प होंगे। करदाता चाहें तो टैक्स छूट की सभी रियायतों को छोड़कर घटी हुई नई दरों पर कर चुका सकते हैं। अगर वे रियायतों का लाभ लेना चाहते हैं तो मौजूदा दरों का विकल्प चुनना होगा। सरकार ने बजट में नए आयकर स्लैब में टैक्स की दर घटाकर 5 फीसदी, 10 फीसदी, 15 फीसदी, 20 फीसदी, 25 फीसदी और 30 फीसदी कर दिया था।

कंपनियों को डीडीटी पर राहत
बजट में कंपनियों और म्यूचुअल फंड्स हाउस की ओर से दिए जाने वाले डिविडेंड पर 10 फीसदी वितरण कर खत्म कर दिया गया है। अब यह टैक्स लाभांश पाने वाले निवेशक को देना होगा, जो उसके आयकर स्लैब के अनुरूप लागू होगा। यानी, अगर आप म्यूचुअल फंड से लाभांश लेते हैं, तो यह आपकी आय मानी जाएगी और उस पर टैक्स देना होगा।

ईपीएफ, एनपीएस पर टैक्स
मोटी पगार पाने वाले कर्मचारियों के ईपीएफ और एनपीएस को टैक्स के दायरे में लाया गया है। अगर नियोक्ता की ओर से इन कर्मचारियों के ईपीएफ, एनपीएस या सुपरएनुएशन में सालाना 7.5 लाख रुपये से ज्यादा का निवेश होगा, तो उस पर आयकर स्लैब के अनुरूप टैक्स देना होगा। यह व्यवस्था आयकर के नए और पुराने दोनों ही विकल्पों पर लागू की गई है।

स्टार्टअप को राहत
बजट में स्टार्टअप के लिए आसान बनाए गए ईसॉप नियम बुधवार से लागू हो जाएंगे। इसके तहत स्टार्टअप को ईसॉप पर 5 साल बाद टैक्स का भुगतान करना होगा। एम्प्लाई स्टॉक ऑनरशिप प्लान (ईसॉप) के तहत कंपनियां अपने कर्मचारियों को प्रोत्साहित करने के लिए शेयरों में हिस्सेदारी देती हैं। अभी तक 200 शुरुआती स्तर के स्टार्टअप को ही ईसॉप का लाभ मिला

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